देश में जहां एक बार फिर तेजी कोरोना महामारी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है तो वहीं कई राज्यों में आक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच बिहार में बढ़ते कोरोना के केसों की रोकथाम को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार से जवाब तलब किया है. पटना हाईकोर्ट ने राज्य में करोना महामारी के बिगड़ते हालात पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को मंगलवार तक लॉकडाउन लगाने के मुद्दे पर विचार कर जवाब देने का निर्देश दिया है.
हाईकोर्ट की फटकार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आनन-फानन में हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस वक्त नीतीश कुमार एक हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं. इस मीटिंग में बिहार के डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद समेत राज्य के मुख्य सचिव और अन्य आला अधिकारी जुड़े हुए हैं. माना जा रहा है कि सरकार इस बैठक के बाद कोई बड़ा फैसला कर सकती है.
कुछ समय का लॉकडाउन भारत में कोरोना का प्रकोप कम कर सकता है
भारत में दूसरे लहर के दौरान कोरोना छोटे शहरों, कस्बों, गांवों, में बेकाबू हो चुका है, सोमवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक बार फिर से स्थिति को कम करने के लिए छोटी अवधि के पूर्ण लॉकडाउन की वकालत की है. कोविड के प्रसार के खिलाफ लड़ाई में मूल तथ्य मानव से मानव संपर्क को रोकना है, ताकि संचरण की घातक श्रृंखला को तोड़ा जा सके, इस प्रकार एक सुपर बोझिल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को जीवन की एक ताजा हवा प्रदान की जाए और मौजूदा रोगियों को ऑक्सीजन मिल सके और उनकी की देखभाल हो सके.
मेदांता द मेडिसिटी, गुड़गांव के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ नेहा गुप्ता ने कहा कि आमतौर पर सप्ताह के अंत में लॉकडाउन के बाद सोमवार को मामले कम दर्ज किए जाते हैं और ये 2020 में हम देख चुके हैं. लॉकडाउन निश्चित रूप से संक्रमण को कम करने में मदद करता है."
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में भारत में 3,68,147 ताजा मामले और 3,417 मौतें हुई हैं. राज्य में कोरोनावायरस संचरण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए, हरियाणा सरकार ने सोमवार से शुरू होने वाले एक सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा की है. दिल्ली ने पहले ही एक और सप्ताह के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया है.
बिहार में कोविड 19 की दूसरी लहर के तहत, नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूरे राज्य में 15 दिन की पूर्ण तालाबंदी करने को कहा है. सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन, एम्स नई दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हर्षल आर साल्वे के अनुसार, स्पष्ट संदेश और जोखिम संचार महामारी प्रतिक्रिया के लिए महत्वपूर्ण हैं.
Source : News Nation Bureau