बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बहुमत प्राप्त कर बिहार की सत्ता पर फिर से काबिज हो गई है. इस चुनाव में रोजगार का मुद्दा सबसे अधिक छाया रहा. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने पहली कैबिनेट की बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के वादे के बाद भी राजद भले ही सत्ता तक नहीं पहुंच सकी, लेकिन इस चुनाव में उन्होंने यह साबित कर दिया कि बेरोजगारी बिहार के लिए एक बड़ी समस्या है. इधर, अब राजग सत्ता में पहुंचने के बाद नौकरी को लेकर कवायद प्रारंभ कर दी है.
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सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी सरकारी विभागों के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव व सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर आधिकारिक तौर पर रिक्तियों की जानकारी मांगी गई है. पूछा गया है कि उनके विभाग में उनके अधीन रिक्त पदों की कितनी संख्या है. यह भी बताने को कहा गया है कि इसके अतिरिक्त संविदा के आधार पर कितनी संख्या में नौकरियों का मामला प्रक्रियाधीन है. अधिकारियों को इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने की हिदायत भी दी गई है.
सरकार की तेजी देखकर माना जा रहा है कि जल्द ही बड़ी संख्या में नियुक्तियां की जा सकती हैं. सूत्रों का दावा है कि अगले साल बिहार में बड़ी संख्या में रिक्त सरकारी पदों को भरा जाएगा. इसमें सहायक शिक्षक, बिहार प्रशासपिनक सेवा के अधिकारी, जूनियर इंजीनियर, दारोगा, सिपाही जैसे पद हैं. इसके अलावे स्वास्थय विभाग में भी बड़ी बहाली की संभावना है.
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राज्य के भवन निर्माण और विज्ञान प्रावैधिकी मंत्री अशोक चैधरी कहते हैं कि सरकार की प्रथमिकता लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की है. उन्होंने कहा कि रोजगार देने के लिए युवाशक्ति का स्किल विकसित किया जाएगा. बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके. इधर, शिक्षा विभाग में भी नियुक्ति की जाने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी. नगर विकास विभाग एवं आवास विभाग में जूनियर इंजीनियरों की निुयक्ति की जानी है.
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने सरकारी विभागों में रिक्त पदों का हवाला देते हुए पहली कैबिनेट की बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, जिसका उनको समर्थन भी मिला था. इसके बाद भाजपा ने 19 लाख लोगों को रोजगार का देने का वादा किया था. बहरहाल, फिर से सत्ता तक पहुंची राजग के लिए रोजगार देना एक चुनौती है, लेकिन नीतीश सरकार ने इसके लिए कवायद प्रारंभ कर दी है. अब देखना हेागा कि सरकार को इस मामले में कहां तक सफलता मिलती है.