बिहार सरकार (Bihar government) वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के कौशल को इस्तेमाल करने की योजना बना रही है. इसके तहत सरकार मजदूरों का सर्वे कराकर उनके कौशल का पता लगाएगी. सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'लोकल को वोकल' करने की मुहिम के तहत विदेशी उत्पादों के मांग की स्थिति के लिए भी सर्वे कराने की योजना बनाई है. राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने निर्देश दिया है कि जो श्रमिक बिहार में हैं और वैसे श्रमिक जो बाहर से बिहार लौट रहे हैं, सबको रोजगार मुहैया कराया जाए.
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मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रवासी श्रमिकों के स्किल (कौशल) का सर्वे कर उनके कौशल का पता किया जाए, और इसके बाद औद्योगिक इकाइयों से उनकी मैपिंग कराकर उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाए. उन्होंने कहा, 'रोजगार सृजन के लिए नई इकाइयों को लगाने के लिए भी काम किया जा रहा है. उद्योग विभाग को इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिया गया है.'
उद्योग विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और राज्य के बाजारों में विदेशी उत्पादों की भागीदारी का पता लगाने के लिए भी सर्वे कराया जाएगा. राज्य सरकार का मानना है कि जिन विदेशी उत्पादों की मांग ज्यादा होगी, उन उत्पादों के उत्पादन पर जोर दिया जाएगा. इससे जहां विदेशी उत्पादों पर निर्भरता घटेगी, वहीं राज्य में व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही नए रोजगारों का सृजन होगा.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में स्थानीय उत्पादों के प्रचार-प्रसार और इस्तेमाल पर जोर दिया था. उद्योग मंत्री श्याम रजक ने विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी रूपरेखा तैयार करने और सर्वे का काम जल्द प्रारंभ करने का निर्देश दिया है. रजक कहते हैं, 'बिहार के बाजारों में विदेशी उत्पादों की डिमांड का सर्वे कराने जा रहे हैं. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर तय करेंगे कि किन उत्पादों को स्थानीय स्तर पर तैयार कराया जा सकता है.'
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