इसी साल अक्टूबर-नवंबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जहां भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी बिगुल फूंफ दिया है, वहीं उसकी सहयोगी पार्टी जनता दल युनाइटेड ने भी चुनावी समर में विपक्ष को करारा जवाब देने के लिए अपना कार्यकर्ताओं में जोश भरना शुरू कर दिया है. बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के प्रमुख नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पूरी तरह चुनावी मोड में नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पांच जिलों के जदयू कार्यकर्ताओं से संवाद किया. इस दौरान नीतीश ने 5 जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव में जीत हासिल करने के लिए टास्क दिया. साथ ही उन्होंने कहा विपक्ष के दुष्प्रचार का वह करारा जवाब दें और नई पीढ़ी को 15 साल की उपलब्धियां बताएं.
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जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और मधुबनी के बूथ, पंचायत, प्रखंड व जिला स्तर के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से वीडियो-ऑडियो संवाद किया. राष्ट्रीय महासचिव संगठन व राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह, लोकसभा में दल के नेताराजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी एवं जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भी दल के साथियों को संबोधित किया. नीतीश ने कार्यकर्ताओं को टास्क दिए कि सजग रहें, ताकि कोई बात कहकर लोगों को गुमराह न कर सके. उन्होंने कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव के मुद्देनजर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने को कहा.
नीतीश ने अपने कार्यकर्ताओं से जनता को लालू-राबड़ी राज याद दिलाने की बात कही. नीतीश ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जो अनाप-शनाप बकते रहते हैं, उनसे पूछिए कि 15 साल तक पति-पत्नी (लालू-राबड़ी) के राज में क्या काम हुआ. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि नई पीढ़ी को बताएं कि बिहार में 15 सालों तक पति-पत्नी का शासन कैसा था. हमें किस परिस्थिति में और किस तरह का बिहार मिला था और अब बिहार की हालत किया है. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता जनता के बीच इन 15 सालों में हुए महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में बताएं.
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नीतीश ने कहा, 'राजद के शासनकाल की हकीकत के बारे में जनता को बताएं कि किस तरह से प्रदेश में जंगलराज था? कैसे लोग भय के साए में जीते थे. इसके बारे में नई पीढ़ी के लोगों को बताएं और साथ ही पुराने लोगों को लालू-राबड़ी के शासन की याद दिलाएं.' इसके अलावा 20 हजार पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने निर्देश दिए कि सजग हो जाएं और लोगों को गुमराह करने वालों को सही जवाब दें. उन्होंने अपने कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों को पंचायतों में आरक्षण दिया. महिला सशक्तिकरण के लिए अनगिनत काम किए. हर घर बिजली पहुंचाने का पूरा प्रयास किया.
बता दें कि कोरोना काल के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बारी-बारी से बिहार के तमाम जिलों के बूथ स्तर से लेकर प्रखंड, पंचायत से लेकर जिला स्तर तक के कार्यकर्ताओं से जुड़ रहे हैं. नीतीश का कार्यकर्ताओं से संवाद का यह सिलसिला 12 जून तक जारी रहेगा. गौरतलब है कि गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को बिहार की वर्चुअल रैली में लालटेन युग, चारा घोटाला और जंगल राज जैसे मुद्दों को उछालकर चुनावी बिगुल फूंक दिया. बिहार में नीतीश की पार्टी जदयू का बीजेपी और रामविलास पासवान की लोजपा के साथ गठबंधन है. अमित शाह पहले भी और अब वर्चुअल रैली में भी कह चुके हैं कि विधानसभा चुनाव नीतीश की अगुआई में लड़ा जाएगा. लिहाजा बीजेपी और जदयू का चुनाव जीतने के लिए एक जैसा ही मुद्दा रहेगा.
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