बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर अब मिथिलांचल पर है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री मधुबनी पहुंचकर मिथिलावासियों को सबसे बड़ा उपहार कमला नदी पर नए बैराज के निर्माण कार्य की शुरूआत कराई. नीतीश खुद कहते हैं कि इससे न केवल बाढ़ से निजात मिलेगी बल्कि सिंचाई के साधन भी उपलब्ध होंगे. इसके अलावा कमला बलान बायां एवं दायां तटबंध के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं पक्कीकरण पिपरा घाट से ठेंगहा पुल तक 80 किलोमीटर की लंबाई में बनने से 12 लाख लोगों को फायदा होगा. करीब 325 करोड़ रुपये की लागत से तटबंध पर बनने वाली सड़क निर्माण से मधुबनी जिले के झंझारपुर, लखनौर, बाबूरही, अंघराठाढ़ी, मधेपुरा और राजनगर तथा दरभंगा के ताराडीह और घनश्यामपुर प्रखंड के लोगों को सीधा लाभ होगा.
बिहार के जलसंसाधन मंत्री संजय कुमार झा भी कहते हैं, 'मुझे खुशी है कि कल जयनगर (मधुबनी) में कमला नदी पर बराज निर्माण और कमला बलान बायां एवं दायां तटबंध के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण व पक्कीकरण कार्य फेज-एक का कार्यारंभ हुआ. ये योजनाएं मिथिला के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी.' कमला नदी पर बराज बन जाने से एक तरफ जहां बाढ़ से लोगों को निजात मिलने की संभावना है, वहीं खेती के लिए किसानों को समुचित मात्रा में पानी उपलब्ध हो पाएगा.
जलसंसाधन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि कमला बलान नदी पर बैराज के निर्माण में करीब 405.66 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है. इस बैराज का निर्माण मार्च 2023 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है. फिलहाल नदी का जल प्रवाह 290 मीटर ही है जो बैराज निर्माण के बाद नदी में जल प्रवाह वाटर वे 550 मीटर हो जाएगा. बाढ़ के समय नदी में जल स्तर कम होने से बाढ़ कम आएगी. इस बराज में 36 गेट बनाए जाएंगे. अधिकारी बताते हैं कि इस बैराज से मधुबनी जिले के जयनगर, बासोपट्टी, खजौली, लदनियां, कलुआही, हरलाखी, मधवापुर प्रखंडों के हजारों किसानों के खेतों में पानी पहुंचेगा। एक अनुमान के मुताबिक इससे करीब 30 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी जिले के जयनगर में कमला नदी पर बैराज निर्माण कार्य का शुभारंभ किया. इसके अलावा कमला बलान बायां एवं दायां तटबंध के सुदृढ़ीकरण एवं पक्कीकरण (पिपरा घाट से ठेंगहा पुल तक 80 किलोमीटर की लंबाई में) का रिमोट के माध्यम से कार्यारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि कमला नदी पर बैराज बन जाने से पानी का फ्लो ठीक रहेगा, नियंत्रित रहेगा और सिंचाई के लिए भी इसकी उपयोगिता होगी.
HIGHLIGHTS
- करीब 325 करोड़ रुपये की लागत से तटबंध बनेगा
- आसपास के 12 लाख लोगों को होगा फायदा