बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद बैठक को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान दिया हैं. उन्होंने कहा मुझे पद की कोई चाहत नहीं, इच्छा नहीं कि पद पर रहें. चुनाव परिणाम आने के बाद मैंने अपनी यह इच्छा गठबंधन के समक्ष जाहिर भी कर दी थी. पर दबाव इतना था कि मुझे फिर से काम संभालना पड़ा. नीतीश कुमार ने जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दो टूक अंदाज में कहा कि मुझे अब सीएम नहीं रहना. एनडीए गठबंधन जिसे चाहे बना दें सीएम. बीजेपी का ही सीएम हो. मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
I had no desire to become the Chief Minister. I had said that the public had given its mandate and anyone can be made the Chief Minister, BJP could make its own Chief Minister: Bihar CM Nitish Kumar (27.12.2020)
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— ANI (@ANI) December 28, 2020
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम स्वार्थ के लिए काम नहीं करते. अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायकों के बीजेपी में चले जाने के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि क्या हुआ अरुणाचल में सबको पता है, छह के जाने के बाद भी वहां जदयू का एक विधायक डटा रहा. पार्टी की ताकत को समझिए. आज तक हमने कभी किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया. हमें सिद्धांतों के आधार पर ही लोगों के बीच जाना है. इस पर हम किसी से समझौता नहीं कर सकते.
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जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जदयू ने अरूणाचल प्रदेश की घटना पर पार्टी ने क्षोभ व्यक्त किया है. जदयू के छह विधायकों को बीजेपी ने मंत्रिमंडल में शामिल करने की बजाय उन्हें अपने दल में ही शामिल कर लिया है. यह अच्छा नहीं किया गया है. हमें इसपर बेहद दुख है और यह गठबंधन की राजनीति के लिए अच्छा संकेत नहीं है.
अरुणाचल प्रेदश में JDU के 6 विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं इसे लेकर पार्टी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। यह गठबंधन की राजनीति के लिए अच्छे लक्षण नहीं हैं: के.सी. त्यागी, JDU pic.twitter.com/FL1Ovm5IdT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 27, 2020
Source : News Nation Bureau