बिहार: दहेज-बाल विवाह के विरोध में मानव श्रृंखला, 4 करोड़ लोग हुए शामिल लेकिन विपक्ष ने उठाए सवाल

दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ लोगों में जागरुकता फैलान के लिए आज पूरे बिहार में मानव श्रंखला बनाई गई।

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kunal kaushal
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बिहार: दहेज-बाल विवाह के विरोध में मानव श्रृंखला, 4 करोड़ लोग हुए शामिल लेकिन विपक्ष ने उठाए सवाल

सीएम नीतीश कुमार मानव श्रृंखला में हिस्सा लेते हुए

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दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ लोगों में जागरुकता फैलान के लिए आज पूरे बिहार में मानव श्रंखला बनाई गई। राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने खुद इसमें हिस्सा लिया। आधे घण्टे के लिए पूरा सूबा थम गया और लोग हाथों में हाथ डालकर हर गली, कस्बे, मोहल्ले में खड़े हो गए।

इससे पहले 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी के समर्थन में बिहार में सबसे लंबे मानव श्रृंखला का निर्माण हुआ था जो लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया था।

इस साल 21 जनवरी को बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरोध में ये श्रंखला बनाई गई। पटना के गांधी मैदान में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत सरकार के सभी मंत्री और आला अधिकारी एक दूसरे का हाथ पकड़े नजर आए। यही से निकल रही है शाखाएं राज्य के कोने-कोने तक इस श्रृंखला के रूप में पहुंची।

दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से 1 बजे तक 12 हजार 147 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला पूरे राज्य में बनाई गई। सरकार के मुताबिक मानव श्रृंखला की लंबाई करीब 13 हजार किलोमीटर रही और इसमें करीब 4 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया।

राज्य सरकार के मुख्य सचिव सबसे लंबे ह्यूमन चेन के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दावेदारी पेश करेंगे।

दहेज के कारण हत्या के मामले में बिहार दूसरे नंबर पर है। बाल विवाह यहां राज्य में अब भी बदस्तूर जारी है इसलिए सरकार इन सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने की कोशिश में जुटी हुई है। इसके लिए राज्य सरकार कई योजनाएं भी चला रही है।

इस मानव श्रृंखसा में करोड़ों लोग सड़क पर एक कतार में नजर आए। स्कूल के बच्चे से लेकर आंगनबाड़ी सेविकाएं, पुलिस, सरकारी सेवक, आम आदमी हर कोई हाथ में हाथ लिए खड़ा नजर आया।

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हालांकि सरकार के इस कार्यक्रम पर विपक्षी दलों ने सवाल भी उठाया। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, जहां इतनी बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, शिक्षकों को वेतन नहीं वहां ऐसे आयोजन पर करोड़ों क्यों खर्च किए गए। ये ऐसे मुद्दे हैं जिस पर पहले से ही कानून मौजूद है। ऐसे इन सब की अभी जरूरत क्यों पड़ी।

वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे सामाजिक सरोकार से जुड़ा बड़ा मुद्दा बताया। नीतीश ने कहा, 'जो लोग इसका विरोध कर रहे वो अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं।'

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Source : News Nation Bureau

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