बिहार (Bihar) में प्रवासी मजदूरों को लेकर सियासत के गलियारे में जारी बयानबाजी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को स्पष्ट कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे सभी प्रवासी मजदूरों को बिहार लाया जाएगा. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने प्रवासी मजदूरों को आश्वासन दिया कि वे विचलित न हों, धैर्य रखें और सुरक्षित रहें, क्योंकि राज्य सरकार उन्हें राज्य में वापस लाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव दीपक कुमार को निर्देश दिया कि वह केंद्र सरकार को इस बारे में पत्र लिखें कि टिकट बुकिंग को लेकर रेलवे को एक नियम बनाना चाहिए, ताकि बिहार वापस आने के इच्छुक प्रवासी मजदूरों (Migrant workers) को अपनी यात्रा की तारीख के बारे में पहले ही जानकारी मिल जाए.
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उन्होंने कहा कि ऐसा होने से उनके बीच संतुष्टि का भाव होगा और वापस आने को लेकर उनके बीच अफरातफरी का माहौल नहीं बनेगा. इसके अलावा, नीतीश कुमार ने सभी विभागों को प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने को लेकर गंभीरता से काम करने का निर्देश भी दिया. उन्होंने लोगों से सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने और धैर्य बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि सभी को कोविड-19 की गंभीरता को समझने की आवश्यकता है.
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उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री प्रतिदिन कोरोना संक्रमण को रोकने और राहत को लेकर चलाए जा रहे उपायों को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे हैं. इसके अलावा बिहार सरकार ने केंद्र से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए करीब 300 ट्रेनों की अनुमति मांगी है, जिसके साथ ही इतनी संख्या में ट्रेनें मांगने वाला बिहार दूसरे नंबर पर पहुंचा है. उधर, दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर विपक्ष लगातार बिहार सरकार पर निशाना साध रही है.
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