बिहार (Bihar) में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है, वहीं सरकार ने भी उनको रोजगार देने की कवायद तेज कर दी है. मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने छह ऐसे विभागों का चयन किया है, जिसमें दोगुना रोजगार सृजन किया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का कहना है कि हम लोगों की इच्छा है कि ज्यादातर लोगों को रहने की सुविधा मिल जाए, अकारण किसी को जाना न पड़े. इससे उनको भी लाभ है और राज्य में भी थोड़ी बेहतर स्थिति होगी. उन्होंने कहा कि यहां के उद्योग और व्यापार का और विस्तार होगा और लोगों को काम मिलेगा.
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उधर, राज्य सरकार का दावा है कि अब तक सात से आठ लाख लोगों को रोजगार दिया जा सका है. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव एवं रोजगार सृजन पर सरकार का विशेष ध्यान है. कोरोना संक्रमण से लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिले इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. लॉकडाउन पीरियड में अभी तक कुल 4 लाख 26 हजार योजनाओं के अंतर्गत 3 करोड़ 74 लाख से अधिक मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है.
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सरकार ने छह ऐसे विभागों को अकुशल मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की विशेष जिम्मेदारी दी है. ऐसे विभागों में ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, उद्योग विभाग, जल संसाधन विभाग और कृषि विभाग शामिल हैं. सूत्रों का कहना है कि इन विभागों को रोजगार के मौजूदा लक्ष्य को दोगुना करने का टास्क दिया गया है. उद्योग विभाग को दक्षता के मुताबिक रोजगार देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सरकार ने विभागों को स्वरोजगार में भी मदद करने को कहा है.
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एक अधिकारी ने बताया कि श्रम संसाधन विभाग ने प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण शुरू कर दिया है. रोजगार पोर्टल पर उनका पंजीकरण क्वारंटाइन सेंटरों में ही किया जा रहा है. पंजीकरण के बाद विभाग की ओर से लगने वाले रोजगार मागदर्शन मेला में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी.
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