बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने देश में महिलाओं और बच्चों के साथ घटित दुष्कर्मों और आपराधिक घटनाओं के मद्देनज़र इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर सेंसरशिप लागू करने का अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को लिखे गए पत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि देश में महिलाओं और बच्चों के साथ घटित दुष्कर्म और आपराधिक घटनाओं से देश का जनमानस उद्वेलित होता है. इस तरह की घटनाएं सभी राज्यों में घटित हो रही है, जो अत्यंत दुखद और चिंता का विषय है.
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नीतीश कुमार ने पत्र में लिखा, 'वर्तमान में कई सेवा प्रदाता अपनी-अपनी स्ट्रीमिंग सर्विसेज के माध्यम से उपभोक्ताओं को विभिन्न कार्यक्रम फिल्में और सीरियल धारावाहिक दिखा रहे हैं परंतु स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर सेंसरशिप लागू ना होने के कारण अत्यधिक आपराधिक मार-धाड़ व सेक्स के खुले प्रदर्शन पर आधारित फिल्में और धारावाहिक इन चैनलों पर दिखाई जाते हैं. यह कार्यक्रम किसी अन्य माध्यम से उपलब्ध नहीं होते हैं और केवल इन्हीं स्ट्रीमिंग सर्विसेज के माध्यम से उपभोक्ताओं को सीधे उपलब्ध होते हैं. साथ ही स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर जो कार्यक्रम आते हैं. उन पर नियम और कानून की अस्पष्टता नहीं होने के कारण ना तो सेंसरशिप लागू होती है और ना ही किसी प्रकार के विज्ञापन आते हैं. इसके अलावा जब भी उपभोक्ता चाहे तब यह कार्यक्रम देख सकता है.'
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मुख्यमंत्री ने पत्र में उल्लेख किया है कि स्ट्रीमिंग सर्विसेज कि लोगों तक बिना सेंसर के पहुंच गए कारण बहुत से लोग अश्लील हिंसक और अनुचित कंटेंट देख रहे हैं जो अवांछनीय है. इन कार्यक्रमों को देखने वाले बहुत सारे लोगों के मस्तिष्क को इस तरह की सामग्री गंभीर रूप से दुष्प्रभावित करती है. इसके अतिरिक्त ऐसी सामग्री के दीर्घकालीन उपयोग से कुछ लोगों की मानसिकता नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही है. जिससे अनेक सामाजिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं तथा विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराधों में वृद्धि हो रही है.'
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मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से कहा है, 'इस तरह की अनुचित सामग्री की असीमित उपलब्धता उचित नहीं है तथा महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध हो रहे ऐसे अपराधों के निवारण के लिए प्रभावी कार्रवाई किया जाना बहुत ही आवश्यक है.' पत्र में मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि नियम एवं अधिनियम में स्पष्ट था कि कारण आज समाज में स्ट्रीमिंग सर्विसेज के माध्यम से दिखाई जाने वाले अश्लील एवं हिंसक कार्यक्रमों के नकारात्मक प्रभाव के कारण अपराधों में वृद्धि हो रही है. ऐसे कार्यक्रमों के निर्माण एवं प्रसारण को अपराध मानते हुए इस पर अंकुश लगाए जाने की आवश्यकता है.
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