बिहार में कोरोना के संक्रमितों की संख्या में भले ही कमी आई हो लेकिन सरकार अभी कोई भी कोताही बरतने के मूड में नहीं है. कोरोना से निपटने के लिए सोमवार को बिहार सरकार ने मोबाइल एप लांच किया, जिससे होम आइसोलेटेड लोगों को चिह्न्ति कर उनकी उचित देखरेख की जा सकेगी. मोबाइल एप लांच करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज होम आइसोलेशन ट्रैकिंग (एचआईटी) कोविड एप लांच किया गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित बड़ी संख्या में मरीज घर पर आइसोलेशन में रह रहे हैं. इन मरीजों के ऑक्सीजन स्तर के देखरेख की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि एचआईटी एप के लांच होने से आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की देखभाल में सहूलियत होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा मरीजों के घर पर जाकर प्रतिदिन उनके शरीर का तापमान और ऑक्सीजन स्तर की जांच की जाएगी, जिसके आधार पर उनका उचित इलाज हो सकेगा. उन्होंने यह भी कहा कि मरीजों की बिगड़ती स्थिति के बाद उन्हें कोविड डेडिकेटेड अस्पताल भी सही समय पर भेजा जा सकेगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य परामर्शियों को प्रशिक्षित किया गया है, इनकी भी इस काम में मदद ली जाएगी.
इस मौके पर प्रावैधिकी विभाग के सचिव संतोष कुमार मल्ल ने बताया कि एचआईटी मोबाइल एप स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में कोविड महामारी से बचाव के लिए विकसित किया गया है. एचआईटी के माध्यम से घर पर आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की देखरेख की जाएगी.
दूसरी लहर में अब तक 244 डॉक्टर कोरोना से जंग हारे: आईएमए
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है. महामारी के चलते मचे कोहराम के बीच राहत के संकेत भले ही मिल रहे हो लेकिन इन सब के बीच इस लहर में देशभर में अब तक कुल 244 डॉक्टर कोरोना सक्रमण के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डेटा के अनुसार अब तक कुल 28 महिला डॉक्टरों की जान गई वहीं 216 पुरुष डॉक्टरों की जान कोरोना संक्रमण से गई है. इतना ही नहीं इस कोरोना की दूसरी लहर में बिहार में 49 डॉक्टरों की जान एक ही दिन में गई.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जे.ए. जयालाल ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि, कोरोना की दूसरी लहर में कुल 244 डॉक्टरों की जान अब तक गई है. इस साल बिहार में अधिक्तर डॉक्टरों की जान गई. इसके अलावा उत्तरप्रदेश और दिल्ली में भी कई डॉक्टरों की जान गई है. पिछले साल कुल 756 डॉक्टरों ने इस महामारी में अपनी जान गवाईं थी.
Source : IANS/News Nation Bureau