बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू की गई रोजगार योजना की शनिवार को प्रशंसा की और कहा कि इससे उन लोगों के लिए घर पर ही रोजगार सृजन के राज्य सरकार के प्रयासों को मजबूती मिलेगी जिन्हें कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से घर लौटना पड़ा है.
मोदी ने लॉकडाउन की वजह से अपने घरों को लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ की शुरुआत की. खगड़िया की तेलिहार पंचायत से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समारोह में शामिल हुए कुमार ने राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष सहायता के रूप में जीएसटी और आयकर में छूट दिए जाने की मांग की.
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उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के लिए आवंटित 25 हजार करोड़ रुपये के कोष की सीमा को बढ़ाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई योजना बिहार के 38 में से 32 जिलों में क्रियान्वित की जाएगी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट के दौरान 15 हजार से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 20 लाख से अधिक लोग अपने घर लौटे हैं.
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मुख्यमंत्री ने सूचित किया कि ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के तहत केंद्र प्रत्येक पंचायत में 3.43 करोड़ रुपये खर्च करेगा और राज्य सरकार तेलिहार पंचायत में 2.30 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
Source : Bhasha