Nitish Sarkar On Bridge Collapse: बिहार में एक के बाद एक पुल गिरने की कई घटनाएं लगातार सामने आ रही है. अररिया से पुल गिरने का सिलसिला शुरू हुआ जो अब थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. महज दो हफ्ते में प्रदेशभर से कहीं पुल गिरने का तो कहीं नदी के बहाव की वजह से पिलर धंसने की घटनाएं लगातार सामने आ रही है. जिस पर विपक्ष राज्य सरकार को घेरती नजर आ रही है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव लगातार नीतीश सरकार पर पुल गिरने व राज्य में बढ़ते क्राइम को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. इस बीच नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला किया है. पहले तो नीतीश सरकार ने पुल गिरने की वजहों का पता लगाने के लिए हाई कमेटी टीम का गठन किया है, जो तीन दिन के अंदर सरकार को रिपोर्ट पेश करेगी. इसके साथ ही सरकार ने गठित टीम को पुलों की गुणवत्ता और निर्माण कार्य में उपयोग किए जाने वाले सामग्री पर भी रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. इन सबके बीच नीतीश सरकार ने लगातार पुल गिरने की घटनाओं को रोकने के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी बनाने जा रही है.
क्या है मेंटेनेंस पॉलिसी?
आपको बता दें कि मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत पुलों के रखरखाव के लिए या निर्माणाधीन पुलों का निरीक्षण किया जाएगा कि पुल सही स्थिति में है या नहीं और उसके निर्माण में उचित सामग्री का उपयोग किया जा रहा है या नहीं. इसे लेकर पथ निर्माण विभाग ने मेंटेनेंस पॉलिसी तैयार कर ली है. इन पुलों का ध्यान पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग रखेगी. इसके लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया भी तैयार किया जा रहा है. बिहार में नदियों में भारी बारिश की वजह से जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. कोसी, गंडक उफान पर है और नदियों के तेज बहाव की वजह से भी कई पुलियों की धंसने की खबर सामने आ चुकी है. जिसे लेकर राज्य सरकार एक्शन में नजर आ चुकी है.
2 हफ्ते में गिरे 6 पुल
बिहार में इस साल पहला पुल गिरने का मामला 18 जून को अररिया से आया, जहां निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हो गया. वहीं, उसके बाद सीवान में 22 जून, मोतिहारी में 23 जून और उसके बाद कई पुल गिरने का मामला सामने आ चुका है.
HIGHLIGHTS
- पुल गिरने पर सख्त नीतीश सरकार
- प्रदेश में लाई मेंटेनेंस पॉलिसी
- 2 हफ्ते में गिरे 6 पुल
Source : News State Bihar Jharkhand