बिहार की राजधानी पटना समेत कई जिलों की हवा इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि लोगों को सांस लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच पटना के डीएम ने मातहतों को ये निर्देश दिए हैं कि 15 साल से अधिक पुराने वाहन पटना की सड़कों पर ना चलने पाएं. इन वाहनों में व्यवसायिक वाहन, निजी वाहन, दो पहिया और चार पहिया यानि सभी तरह के वाहन शामिल हैं. ये निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि वायु प्रदूषण पर रोक लगाई जा सके.
मिली जानकारी के मुताबिक, पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने जिला परिवहन पदाधिकारी को अभियान चलाकर वाहनों के प्रदूषण प्रमाण-पत्र की जांच करने और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. डीएम ने कहा है कि 15 साल से अधिक व्यावसायिक और अन्य प्रकार के सभी वाहनों के परिचालन पर रोक है. डीएम ने जिला परिवहन पदाधिकारी को दूध परिचालन करने वाली गाड़ियों की भी नियमित तौर पर जांच करने के निर्देश दिया है.
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गुरुवार को डीएम की अध्यक्षता में जिला-स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक हुई. बैठक में पटना नगर निगम के नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर, वन प्रमंडल पदाधिकारी अंबरीष कुमार मल्ल, ट्रैफिक एसपी अनिल कुमार व कई शीर्ष पदाधिकारी उपस्थित रहे. बैठक में डीएम ने ये भी सुनिश्चित करने को कहा है कि बालू, मिट्टी से लदे वाहनों को ढक कर ही ले जाया जाए ताकि प्रदूषण कम हो. इसके अलावा डीएम ने चिह्नित 39 स्थानों पर वाटर फाउंटेन चालू रखने को कहा है. साथ ही ये भी निर्देश दिया है कि फ्लाइओवर या भवन निर्माण के कार्य को पहले चारों तरफ से ढक कर कराया जाये.
इसके अलावा बैठक में डीएम ने लोगों को प्रदूषण के प्रति जागरुक करने का भी जिम्मेदार पदाधिकारियों को निर्देश दिया और आम लोगों से पटाखे आदि ना फोड़ने की अपील की है. बता दें कि हाल ही में एक डाटा के मुताबिक, वायु प्रदूषण के मामले देश के 10 में 7 शहर तो अकेले बिहार के ही हैं.
HIGHLIGHTS
. 15 साल से अधिक पुरानों की पटना में 'नो एंट्री'
. वायु प्रदूषण से निबटने के लिए पहल
Source : Shailendra Kumar Shukla