बिहार से बाहर दूसरे राज्यों में जब भी हमे जाने होता है तो हम ट्रेनों का ही सहारा लेते हैं, लेकिन ट्रेनों में भीड़ होने के कारण हमे इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में अब आपकी परेशानी का हल राज्य सरकार ने खोज लिया है. अब आपको ट्रेन के भरोसे बैठे रहने की जरूरत नहीं है. यूपी, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड के लिए बसें चलेंगी. बिहार सरकार ने इसके लिए 350 रूट का चयन किया है. जिसमें कुल 1000 बसें चलेंगी और ये सुविधा आपको जुलाई महीने से मिलने लगेगी.
1000 में से 200 बसें होंगी लग्जरी
जिन बसों की शुरुआत की जा रही है वो पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, आरा, गया, सीतामढ़ी, औरंगाबाद सहित अन्य जिलों से खुलेंगी. इस बस की शुरुआत करने से राज्य के लगभग एक लाख से अधिक लोगों को फायदा होगा. वहीं, सरकार का ये भी कहना है कि जरूरत के अनुसार बसों की संख्या को बढ़ाया भी जाएगा. आपको बता दें कि 1000 में से 200 लग्जरी बसें भी होंगी. दो राज्यों की सीमा को जोड़ने का काम किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि बसों के परिचालन के बाद एक सर्वे भी किया जाएगा और जो भी सीमाएं बच जाएगी उन्हें जोड़ने का काम किया जाएगा. उन रूटों पर भी बसें चलाई जाएगी.
दिल्ली के लिए 5 बसों की होगी शुरुआत
वहीं, दिल्ली आने जाने के लिए भी 5 बसों की शुरुआत की जाएगी. जिसके लिए दिल्ली और बिहार सरकार के बीच बातचीत चल रही है. इन बसों की शुरुआत होने के बाद पटना, गया, मुजफ्फपुर और भागलपुर से आपको बसें मिलेंगी. पहले केवल पटना से ही दिल्ली के लिए बसें मिलती थी. ऐसे में दूसरे जिले में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. बता दें कि दिल्ली के लिए लग्जरी बसों का परिचालन किया जाएगा.
राज्य सरकार के पास हो जाएगी कुल 2200 बसें
राज्य में अभी कुल 1200 बसों का परिचालन किया जा रहा है. सभी बसों का किराया परिवहन विभाग के द्वारा निर्धारित किया गया है, लेकिन 1000 बसों की शुरुआत होने से अब उनसे अधिक किराया नहीं वसूला जाएगा. इन बसों के परिचालन के बाद राज्य सरकार के पास कुल 2200 बसें हो जाएगी. इन बसों की शुरुआत हो जाने से पांच राज्यों में आने-जाने के लिए लोगों को बस की सुविधा मिलेगी.
HIGHLIGHTS
- बिहार सरकार ने 350 रूट का किया चयन
- एक लाख से अधिक लोगों को मिलेगा फायदा
- दिल्ली के लिए 5 बसों की होगी शुरुआत
- राज्य सरकार के पास कुल 2200 बसें हो जाएगी
Source : News State Bihar Jharkhand