बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की इमारत की नींव पटना की बैठक में पड़ चुकी है. विपक्ष अपना कुनबा और बढ़ा रहा है. अब 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में इसका डिजाइन भी कुछ हद तक फाइनल हो जाएगा. यानी बीजेपी के खिलाफ लड़ने का फॉर्मूला तय होगा. वहीं, बीजेपी को भी अपने सहयोगियों की याद आने लगी है. इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और आरजेडी सुप्रीमों लालू यादव भी शामिल होंगे. वहीं, जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री संजय कुमार झा और राज्यसभा सांसद मनोज झा भी शामिल होने के लिए पटना से रवाना होंगे.
बेंगलुरु में विपक्षी दलों का महाजुटान
देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. आम चुनावों को देखते हुए सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी रणनीति तैयार करने में जुटे हैं. विपक्ष की ओर से पटना के बाद अब बेंगलुरु में बैठक का आयोजन किया जा रहा है. 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों का जमावड़ा लगेगा. इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस करने वाली है. पटना में विपक्षी एकता की नींव रखने के बाद बेंगलुरु में उस पर इमारत खड़ी करने की कोशिश होगी. बिहार से जो दो बड़े नेता इसमें भाग लेंगे वे हैं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार. 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रथ को रोकने के लिए ये बड़ी पहल है. इसमें 26 पार्टियां शामिल होने जा रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद की मदद से देश के कई नेताओं से जाकर मुलाकात की और बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता पर फोकस किया. इसका इनाम उन्हें बेगलुरू में मिलने जा रहा है. नीतीश कुमार को विपक्ष का संयोजक बना जा सकता है.
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2024 में किसका पलड़ा होगा भारी ?
18 जुलाई का दिन देश की राजनीति के लिए काफी अहम रहने वाला है. जहां एक ओर बेंगलुरु में विपक्षी नेता मिलकर मोदी को हराने का प्लान तैयार करेंगे. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी की ओर से अपने सहयोगियों के साथ शक्ति-प्रदर्शन किया जाएगा. बीजेपी ने 18 जुलाई को नई दिल्ली में एनडीए के सभी नए और पुराने दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है. बैठक में उन दलों को भी बुलाया गया है, जो आगामी चुनाव में बीजेपी के साथ दिखाई देंगे. इस बैठक में लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को भी निमंत्रण भेजा गया है. चिराग के अलावा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी को भी निमंत्रण गया है. वहीं, महागठबंधन NDA को खोखला बता रही है.
सीट शेयरिंग पर बनेगी सहमति?
वहीं, विपक्षी दलों की बैठक पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष नेताओं को समझा आ चुका है कि उनकी हार तय है इसलिए वो बैठक बुला रहे हैं. बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष की बैठक में 26 दलों को आमंत्रण भेजा गया है. ये संख्या पटना में हुई विपक्षी एकता की बैठक से ज्यादा है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या विपक्ष लोकसभा चुनाव तक एकजुट रह सकेगा. क्या विपक्षी दलों में बिना लड़े सीट शेयरिंग पर सहमति बन सकेगी. ये सवाल है जो बेंगलुरू में होने वाले बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा होने वाली है.
HIGHLIGHTS
- एक तरफ NDA का जमावड़ा
- दूसरी ओर विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन
- बेंगलुरु में विपक्षी दलों का महाजुटान
- 2024 में किसका पलड़ा होगा भारी ?
Source : News State Bihar Jharkhand