बिहार की राजधानी पटना के राजीव नगर के नेपाली नगर इलाके में 40 एकड़ की जमीन खाली कराने प्रशासन की टीम रविवार की सुबह पहुंची. तोड़फोड़ करने वाली टीम के साथ आरपीएफ और जिला पुलिस के साथ बड़ी संख्या में अतिरिक्त बल मौजूद थे. जैसे ही यह लोग वहां अतिक्रमण हटाने पहुंचे तो लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. इसके साथ ही सड़क पर आगजनी भी शुरू कर दी. इस दौरान नाराज लोगं ने पुलिस और मीडियाकर्मियों को निशाना बनाया.
अतिक्रमण हटाओं दस्ता की कार्रवा से नाराज लोगों ने प्रशासन की कई गाड़ियां छतिग्रस्त कर दी. लोग अपने छत पर से ईट पत्थर चला रहे थे, लेकिन पुलिस ने हार नहीं मानी. धीरे-धीरे घेराबंदी बढ़ा दी. इसके बाद पुलिस ने एक-एक करके लोगों को हिरासत में लेना भी शुरू कर दिया. हालात को देखते हुए पटना के डीएम और एसएसपी ने इलाके में कैंप लगा दिए हैं. जब पुलिस बल काफी संख्या में पहुंच गई. तब जाकर बुलडोजर की कार्रवाई शुरू की गई . इसके बाद एक-एक करके मकान ढाहे जाने लगे. गौरतलब है कि यहां कई मकान अर्द्धनिर्मित हैं. वहीं, कई मकान पूरी तरह से तैयार हैं, जिसमें लोग रह रहे हैं. अंदर से लोग चिल्ला रहे थे और बाहर से मकानों पर बुलडोजर चलाए जा रहे थे. मकानों की छत पर बुलडोजर का वारकर मकानों को पूरी तरह से जमींदोज कर दिया गया.
पहले भी अवैध निर्माण हटाने की कोशिश हो चुकी है नाकाम
दरअसल, पटना के राजीव नगर में 400 एकड़ की विवादित जमीन है. पिछले करीब दो दशक से यहां जमीन की लड़ाई चल रही है. बिहार राज्य आवास बोर्ड के अंतर्गत आने वाले इन जमीनों को लेकर सरकार बार-बार इन इलाकों में नोटिस भेज रही है. इससे पहले भी कई बार इलाके के लोगों के साथ पुलिस की झड़प हो चुकी है. इससे पहले भी पुलिस इन इलाकों में अवैध निर्माण हटाने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंची थी तो लोगों ने बुलडोजर में आग तक लगा दिया था.
बाशिंदों ने बयां किया अपना दर्द
न्यूज़ नेशन की टीम नेपाली नगर पहुंची तो वहां पुलिस की कार्रवाई चल रही थी. जिन घरों को तोड़ा जा रहा था, उन घरों में रहने वाले लोगों ने न्यूज नेशन की टीम से बताया कि पिछले 10 साल से हम यहां मकान बना रहे हैं. हमारे गहने तक गिरवी हो गए और अब जब मकान बन कर पूरी तरह से तैयार हो गए तो पुलिस यहां इसे तोड़ने पहुंच गई है. यहां बिजली के खंभे लगे हैं, सड़क बने हैं. हमारे घर में इलेक्ट्रिक मीटर लगे हैं. हमें हर तरीके से वैध कनेक्शन दिया गया और अब यह कहा जा रहा है कि आपका घर अवैध है. अगर जगह अवैध थी, उस वक्त हमें बताना चाहिए था, जब मकान बना रहे थे. पिछले कुछ महीने से अचानक प्रशासन सक्रिय हुआ और लगातार इन मकानों को तोड़ने के लिए नोटिस भेजे जाने लगे. अब हम एक तरफ हमारे छोटे-छोटे बच्चे सड़क पर बैठे हैं, हम समान बाहर निकाल रहे हैं और हमारे आपके सामने हमारी जिंदगी भर की कमाई बर्बाद की जा रही है. यह गलत है, सरकार हमारे साथ गलत कर रही है.
जमीन खाली कराने पर अड़ा प्रशासन
वहीं, इस पूरे मामले पर पटना के जिलाधिकारी ने कहा कि जो भी अवैध मकान हैं, वे सभी तोड़े जाएंगे. पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर प्रसाद भी सुबह से ही इन इलाकों में कैंप कर रहे थे .जब उनसे न्यूज नेशन की टीम ने बात की तो उन्होंने कहा कि यह 40 एकड़ की जो जमीन है. इस पर रहने वाले लोगों का यहां पूरी तरह से अवैध कब्जा है. प्रशासन ने पहले भी यहां निर्माण कार्य के लिए मना किया गया था, लेकिन लोग नहीं माने. उन्होंने कहा कि दरअसल यह पूरा खेल भू-माफियाओं का यह है. भोले भाले लोगों को बरगला कर उन लोगों ने जमीन बेच दी. इसके बाद इन लोगों ने यहां पर संघर्ष समिति बना लिया. मकान निर्माण समिति तैयार कर लिया और उसी के तहत लोगों को वह जमीन बेचने लगे हैं. अब तमाम लोगों पर कार्रवाई होगी, जिन लोगों ने इस जमीन को खरीदने में पैसों का ट्रांजेक्शन किया है, उनके अकाउंट फ्रीज किए जाएंगे. उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा,जो लोग यहां रह रहे हैं. अगर उन्हें बिजली का कनेक्शन भी दे दिया गया तो सरकार ने इसमें कुछ भी गलत नहीं किया है. यह मूलभूत सुविधा है, अगर आपके पास अपना जमीन और घर नहीं भी है तो आपको बिजली जैसी मूलभूत सुविधा सरकार मुहैया कराती है. इसका मतलब यह कतई नहीं कि आपका मकान वैध हो गया. उन्होंने कहा कि यहां पर बने तमाम मकान पूरी तरह से अवैध है. उन्होंने कहा कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. डीएम ने कहा कि यहां पर जो भी मकान बने हैं, उन्हें हटाना ही होगा.
HIGHLIGHTS
- उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब बिहार सरकार भी चला रही बुलडोजर
- एक दो नहीं, बल्कि एक साथ दर्जनों बुलडोजर गिरा रहे हैं मकान
- नाराज लोगों ने पुलिस और मीडिया कर्मियों पर जमकर की पत्थरबाजी
Source : Rajnish Sinha