बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने मंत्रालय का पदभार संभालने के एक घंटे बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया. भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद चौधरी को मंत्री बनाए जाने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था. राज्य की नीतीश कुमार कैबिनेट में एक मंत्री के तौर पर शपथ लेने के तीन दिन बाद ही चौधरी ने इस्तीफा दे दिया. अब उनके इस्तीफे पर भी बिहार में राजनीति तेज हो गई है. विपक्षी दल नीतीश कुमार पर सवाल उठा रहे हैं. इसी कड़ी में राजद नेता तेजप्रताप यादव ने भी मेवालाल के इस्तीफे पर तंज कसा है.
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राजद नेता और हसनपुर से विधायक तेजप्रताप यादव ने ट्वीट कर मेवालाल पर अपने ही अंदाज में तंज कसा है. उन्होंने मेवालाल के इस्तीफे के पीछे विपक्ष की ओर बनाए जा रहे दबाव को अहम वजह बताया है. तेजप्रताप यादव ने ट्वीट किया, 'जियो मेरे खिलाड़ी, पहली बॉल में ही मजबूत विकेट को Back to pavilion कर दिया.' हालांकि इस दौरान तेजप्रताप ने मेवालाल के इस्तीफे का जिक्र नहीं किया.
जियो मेरे खिलाड़ी, पहली बॉल में ही मज़बूत विकेट को “Back to pavilion” कर दिया।👍#Mewa
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) November 19, 2020
इससे पहले मेवालाल के इस्तीफा पर तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे को नौटंकी बताते हुए असली गुनहगार मुख्यमंत्री को बताया है. तेजस्वी ने कहा, 'मुख्यमंत्री जी जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें. महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी. अभी तो 19 लाख नौकरी, संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे.'
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उन्होंने आगे कहा, 'मैंने कहा था ना आप थक चुके हैं इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है. जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया. थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया. घंटे बाद इस्तीफे का नाटक भी रचाया.' उन्होंने मुख्यमंत्री को असली गुनाहगार बताते हुए आगे कहा, 'असली गुनाहगार आप हैं. आपने मंत्री क्यों बनाया? आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?'
दरअसल, मेवालाल चौधरी पर भ्रष्टाचार का आरोप है. वह बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर में शिक्षकों और तकनीशियनों की नियुक्ति में कथित अनियमितता के पांच वर्ष पुराने एक मामले में आरोपी हैं. मेवालाल चौधरी का नाम 2017 में भागलपुर जिले के बिहार कृषि विश्वविद्यालय में सहायक शिक्षकों और कनिष्ठ वैज्ञानिकों की नियुक्तियों में अनियमितता से संबंधित दर्ज एक प्राथमिकी में आया था. 2010 में विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद उन्हें कुलपति के तौर पर उस समय नियुक्त किया गया था.
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मेवालाल चौधरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है. वह फिलहाल जदयू के सदस्य हैं. राज्य में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में तारापुर सीट से निर्वाचित हुए हैं. जिसके बाद उन्हें नीतीश के नेतृत्व वाली सरकार में शिक्षा मंत्री बनाया गया था. तभी से मेवालाल को लेकर राज्य में सियासी बवाल मचा हुआ है. मेवालाल चौधरी ने गुरुवार को ही शिक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण किया था और कुछ ही घंटों में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया.