बिहार के सीतामढ़ी से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग के सभी अस्पतालों को हाईटेक करने के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं और बेहतर उपकरण मुहैया करा रही है. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही आए दिन देखने को मिलती है, जबकि सीतामढ़ी सदर अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा मिल चुका है. साथ ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की बात भी खोखली साबित हो रही है.
इसके साथ ही मरीज के साथ दुर्व्यवहार के साथ-साथ मरीज को उचित इलाज न मिल पाने का मामला भी सामने आता रहता है. स्वास्थ्य प्रबंधन भले ही लाख दावे कर ले कि बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन मरीज के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप के साथ-साथ कई गंभीर आरोप भी लगे हैं. बता दें कि यह ताजा मामला सदर अस्पताल से सामने आ रहा है जहां पैथोलॉजी में कार्यरत कर्मी द्वारा मरीज के ब्लड सैंपल की जांच स्लाइड की जगह प्लास्टिक पर की जा रही है.
आपको बता दें कि इस संबंध में निजी पैथोलॉजी चलाने वाले डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह से की जा रही जांच मरीज के लिए घातक हो सकती है. इस तरह से की जा रही जांच से गलत रिपोर्ट आने के कारण मरीज को सही दवा नहीं मिलने पर मरीज की जान भी जा सकती है. उक्त मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधक विजय चंद्र झा ने बताया कि यह काम यहां प्रशिक्षण लेने आये छात्रों द्वारा किया जा रहा था, जबकि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में स्लाइड उपलब्ध हैं, लेकिन इसे भ्रामक बताकर मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए.
HIGHLIGHTS
- बिहार में हेल्थ सिस्टम हुआ पर्दाफाश
- स्लाइड की बजाय प्लास्टिक पर हो रही खून की जांच
- सदर अस्पताल के डॉक्टर्स पल्ला झाड़ते
Source : News State Bihar Jharkhand