बिहार में सूखे की स्थिति को लेकर किसानों में हाहाकार मचा है. वहीं, सरकार ने नहरों से किसानों को पानी देने का ऐलान किया है, लेकिन कई ऐसी नहर हैं जो कि सालों से सूखी पड़ी हैं. गोपालगंज में सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने पर किसानों ने सूखी पड़ी नहर में ही धान की खेती कर दी है. गोपालगंज के मांझा प्रखंड के धनखर नहर में किसानों ने धान की खेती कर दी है. किसानों का कहना है कि गंडक मेन नहर में तो पानी पर्याप्त है, लेकिन नहर से निकलने वाली वितरणी नहर के मुहाने पिछले दस सालों से बंद पड़े हैं. जिससे मांझा प्रखंड के धनखर, उमर मठिया, आदमापुर, आलापुर, लोहिजरा, फुलवरिया, पिपरा समेत कई गांवों में खेती के लिए पानी नहीं मिल पा रहा.
खेती के लिए किसानों को नहीं मिल रहा पानी
पानी न मिलने से खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं और धान की फसल पीला होकर सूखने लगी है. कृषि विभाग के मुताबिक जिले में 78 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य था. जिसमें सूखे की वजह से केवल 68 हजार हेक्टेयर में ही धान की बुवाई हो पाई है. ऐसे में खेती पर ही निर्भर यहां के किसान अपने दर्द को कुछ इस तरह से बयां कर रहे हैं.
किसानों ने पानी न मिलने पर जताया विरोध
वहीं, डीएम डॉक्टर नवल किशोर चौधरी का कहना है कि हर खेत में पानी पहुंचे. इसके लिए गंडक नहर और लघु एवं जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया गया है. डीएम का दावा है कि 60 हजार हेक्टेयर की खेती तक नहरों से पानी पहुंच रहा है. जिन इलाकों में पानी नहीं पहुंच रहा है. वहां प्रशासन का प्रयास है कि नहर के मुहानों की सफाई कराकर जल्द पानी पहुंचाया जाएगा.
समय पर पानी न मिलने से धान की खेती में हो रही देरी किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा रही हैं, लेकिन डीएम का ये दावा किसानों के लिए किसी राहत से कम नहीं है. अब जरूरत ये है कि किसानों को वक्त पर पानी मुहैया कराया जा सके ताकि किसान अपनी फसल की बुवाई समय रहते ही कर सकें.
रिपोर्ट : धनंजय कुमार
HIGHLIGHTS
- सूखे को लेकर किसानों में हाहाकार
- खेती के लिए किसानों को नहीं मिल रहा पानी
- किसानों ने पानी न मिलने पर जताया विरोध
- सूखी नहर में ही किसानों ने की धान की खेती
Source : News State Bihar Jharkhand