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परामर्श समिति संभालेगी पंचायती कार्य सितंबर, अक्टूबर में चुनाव की संभावना

पंचायत चुनाव के टल जाने के बाद सरकार ने स्पष्ट कहा कि सरकार अब चुनाव नहीं कराने की स्थिति में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शी समिति का गठन करेगी.

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Ritika Shree
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प्रतीकात्मक तस्वीर

election( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के कारण तय समय पर होने वाला पंचायत चुनाव टल गया है. चुनाव नहीं होने तक पंचायत के कामकाज का दायित्व परामर्शी समिति संभालेगी. इस बीच, चुनाव को लेकर तैयारी भी प्रारंभ कर दी गई है. संभावना व्यक्त की जा रही है सितंबर या अक्टूबर में चुनाव कराए जा सकते हैं. पंचायत चुनाव के टल जाने के बाद सरकार ने स्पष्ट कहा कि सरकार अब चुनाव नहीं कराने की स्थिति में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शी समिति का गठन करेगी. पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरियां 15 जून के बाद भंग हो जाएगी तथा परामर्शी समिति काम प्रारंभ कर देगी. विभाग के सूत्रों का कहना है कि पंचायती राज विभाग परामर्शी समिति के गठन को लेकर तैयारी पूरी कर ली है. सूत्रों का दावा है कि पंचायत और ग्राम कचहरी के पूर्व प्रतिनिधि ही काम करेंगे, लेकिन वे परामर्शी समिति के अध्यक्ष और सदस्य होंगे. पंचायती राज विभाग के एक अधिकारी कहते हैं कि चुनाव नहीं होने तक यह व्यवस्था बनी रहेगी.

उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत की संस्थाओं और ग्राम कचहरियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है. ऐसे में कई दलों ने इन प्रतिनिधियों के कर्यकाल बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने कार्यकाल नहीं बढ़ाकर परामर्शी समिति का निर्णय लिया, जिससे पचायतों का विकास कार्य भी अवरूद्घ न हो. सूत्रों का कहना है कि मुखिया जहां ग्राम पंचायत परामर्शी समिति के अध्यक्ष होंगे जबकि प्रखंड प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष और सरपंच भी अपने-अपने परामर्शी समिति के अध्यक्ष हो सकते हैं. इसके लिए विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर लिया है.

इधर, राज्य निर्वाचन आयोग अगले दो से तीन महीनों में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी में जुट गया है. विभाग इस बार ईवीएम से चुनाव कराने की तैयारी में जुटा है. माना जा रहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग सितंबर में पंचायत चुनाव करा सकती है. पंचायत चुनाव के लिए आयोग को छह पदों के लिए अधिक संख्या में इवीएम की आवश्यकता है. मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, पंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला पर्षद सदस्य के लिए अलग-अलग इवीएम की बैलेट यूनिट और कंट्रोल यूनिट की आवश्यकता है. गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के पहले राज्य निर्वाचन विभाग चुनाव की तैयारी करने में जुटा था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद चुनाव टालने का फैसला लिया गया.

HIGHLIGHTS

  • चुनाव नहीं होने तक पंचायत के कामकाज का दायित्व परामर्शी समिति संभालेगी
  • पंचायत और ग्राम कचहरी के पूर्व प्रतिनिधि ही काम करेंगे

Source : IANS

Bihar election Panchayat consultation committee Panchayati work
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