भागलपुर में इस बार भारतवर्ष के कई मंदिरों का साक्षात दर्शन देखने को मिल रहा है. सभी दुर्गा मंदिरों में पंडाल सजधज कर तैयार हो गए हैं. लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है. भागलपुर के सभी पंडाल श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जिसमें आदमपुर चौक पर हल्दिया का दुर्गा मंदिर बनाया गया है. इसे हल्दिया से आए 10 कारीगरों ने लगभग 1 महीने में तैयार किया. वहीं मुंदीचक गढ़िया में केदारनाथ मंदिर बनाया गया है. इसे पीले और लाल रंग के कपड़ों से सजाया है. मालदा से आए 11 कारीगरों ने 1 महीने में तैयार किया है. बड़ी खंजरपुर में इस बार पंडाल कर्नाटक के नंदेश्वर मंदिर के रूप में बनाया गया है. इसे कोलकाता से आए 12 कारीगरों ने 25 दिनों में तैयार किया.
मारवाड़ी पाठशाला में शहर का सबसे बड़ा पंडाल बनकर तैयार हो गया है. यहां इस बार अयोध्या का राम मंदिर बनाया गया है. कोलकाता से आए 15 कारीगरों ने 40 दिनों में इसे तैयार किया है. आदमपुर चौक पर कोलकाता का शक्तिपीठ मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर का रूप तैयार किया गया है. इसे 10 कारीगरों द्वारा 25 दिन में तैयार किया गया है. खास तौर पर इन सभी पंडालों को तैयार करने में गंगा जमुनी तहजीब को प्रदर्शित करते हुए मुस्लिम कारीगरों ने अपना बढ़-चढ़कर योगदान दिया है. पूरे भागलपुर में सारे पंडाल आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं. लोगों की भीड़ उमड़ रही है, एक तरफ जहां माता रानी के दर्शन और पूजन अर्चना को लोग जा रहे हैं. वहीं पंडाल का आकर्षण श्रद्धालुओं को खूब भा रहा है.
रिपोर्टर- आलोक कुमार झा
Source : News Nation Bureau