जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद उनके पुत्र सार्थक रंजन पहली बार सामने आए और वीडियो जारी किया. सार्थक रंजन ने बिहारवासियों से अपील की है कि इस भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़े गए पप्पू यादव के मुहिम को सभी बिहार वासियों को आगे बढ़ाना होगा. आज वो जेल में अकेले हैं, उन्हें ऐसे जगह रखा गया जहां वो मकान बिल्कुल जर्जर हालत में है, उनके साथ कुछ भी हो सकता है. मेरा अनुरोध है जो पप्पू यादव सभी बिहार वासियों के लिए आज अपने घर परिवार को छोड़ अकेले सजा भुगत रहे है, जो उन्होंने किया नहीं, वैसे व्यक्ति के लिए हम सभी को आगे आना होगा. हर एक को पप्पू यादव बनना होगा और उनके मुहिम को आगे बढ़ना होगा.
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सार्थक रंजन ने कहा कि मेरे पिता इस महामारी में लोगों को खाना पहुंचाते थे जिन्हें जिस चीज की जरूरत होती थी वह दे रहे थे. पर अब ऐसा लग रहा है कि दवाइंयों की कालाबाजारी को पेश करना गलत है. सबसे बड़ी उनकी गलती ये है कि वो लोगों के लिए एक नेता के घर पर लगी एंबुलेंस के बारे में सबको बताए. वो बस यही चाह रहे थे कि वो सारी एंबुलेंस लोगों के काम आए.
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सार्थक रंजन ने कहा कि मरीजों की मदद की जा सके लेकिन ऐसा करना सबसे बड़ा उनके लिए जुर्म हो गया. पप्पू यादव ने अपना परिवार छोड़कर बिहार के हर एक परिवार के लिए काम करना सही समझा. वो कभी कोविड वार्ड जाकर लोगों की मदद करते थे तो कभी भीड़ के बीच जाकर खाना खिलाते थे.
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पप्पू यादव ने बेटे ने कहा कि वो मुर्दा घर भी चले जाते थे. यह सब देखकर ऐसा लगता था कि एक दिन कभी उनके पिता की भी बॉडी इस तरह से हो सकती है. वो आज अकेले हैं और बिरपुर में हैं. जब ऐसा व्यक्ति ऐसा काम करके अकेला पड़ जाए तो यह बुरा लगने वाली बात है.
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बता दें कि बिहार के मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाने में साल 1989 में दर्ज अपहरण मामले में पुलिस ने पप्पू यादव को गिरफ्तार किया है. मधेपुरा जिले की पुलिस मंगलवार को चार बजे के करीब पटना पहुंची और हाई वोल्टेज ड्रामा और विरोध प्रदर्शन के बीच पप्पू यादव को मधेपुरा के लिए लेकर निकल गई. रात को करीब एक बजे उनकी पेशी करवाई गई.
HIGHLIGHTS
- सार्थक रंजन पहली बार सामने आए और वीडियो जारी किया
- 'मेरे पिता इस महामारी में लोगों को खाना पहुंचाते थे'
- पप्पू यादव ने बेटे ने कहा कि वो मुर्दा घर भी चले जाते थे