एक तरफ बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती नजर आ रही है, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई थी. इस कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिसमें केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. उधर, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद स्वामी रामदेव ने बुधवार को कहा कि इसके पीछे साजिश थी. बता दें कि योग गुरु बाबा रामदेव ने इसको लेकर दावा किया कि, ''सुप्रीम कोर्ट द्वारा पतंजलि आयुर्वेद को कई बीमारियों के इलाज की दवाओं के बारे में विज्ञापनों में "झूठे" और "भ्रामक" दावे करने के खिलाफ चेतावनी देने के बाद, मेडिकल माफिया उन्हें निशाना बना रहा है और उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है.'' उन्होंने आगे स्पष्ट रूप से कहा कि, ''हम झूठे दावों के आधार पर पतंजलि आयुर्वेद उत्पादों का प्रचार नहीं कर रहे हैं और हमें पिछले पांच वर्षों से निशाना बनाया जा रहा है. हम आयुर्वेद की मदद से बीमारियों को नियंत्रित करने और ठीक करने की कोशिश करते हैं, लेकिन मेडिकल माफिया लगातार हमें निशाना बना रहा है.''
बाबा रामदेव ने कही बड़ी बात
इसके साथ ही आपको बता दें कि बाबा रामदेव ने कहा कि, ''पैसा सच और झूठ का फैसला नहीं कर सकता. उनके (एलोपैथी) पास अधिक अस्पताल, डॉक्टर हो सकते हैं और उनकी आवाज अधिक सुनी जा सकती है, लेकिन हमारे पास संतों के ज्ञान की विरासत है, हम गरीब नहीं हैं.'' साथ ही उन्होंने कहा कि, ''कल से अलग-अलग मीडिया साइट्स पर एक खबर वायरल हो रही है कि सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पतंजलि को फटकार लगाई है.'' वहीं SC ने कहा कि, ''गलत प्रचार किया तो लगेगा जुर्माना. हम SC का सम्मान करते हैं, लेकिन हम कोई गलत प्रचार नहीं कर रहे हैं. कुछ डॉक्टरों ने एक ग्रुप बना लिया है जो लगातार योग, आयुर्वेद आदि के खिलाफ प्रचार करता रहता है.'' साथ ही इसे लेकर रामदेव ने साफ कहा कि, ''अगर हम झूठे हैं तो हम पर 1000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाएं और हम मौत की सजा के लिए भी तैयार हैं, लेकिन अगर हम झूठे नहीं हैं तो उन लोगों को सजा दें जो वास्तव में गलत प्रचार कर रहे हैं. पिछले 5 साल से रामदेव और पतंजलि को निशाना बनाकर प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है.''
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वहीं आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव द्वारा सह-स्थापित और हर्बल उत्पादों का कारोबार करने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को कई रोगों के संबंध में अपनी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में झूठे और भ्रामक दावे करने के प्रति मंगलवार को चेतावनी दी थी. वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि, ''पतंजलि आयुर्वेद के ऐसे सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगा.''
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी पर बाबा रामदेव ने दिया जवाब
- कहा- 'हमारे खिलाफ चल रही है साजिश...'
- बाबा रामदेव कहा- पतंजलि कभी झूठा प्रचार नहीं करता
Source : News State Bihar Jharkhand