बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था शायद ही कभी भी सुधर सकती है. जी हां हम ऐसा इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि सीवान से एक बार फिर कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है. हालांकि ये तस्वीर नई नहीं है. इस तरह की तस्वीरें हमेशा देखने को मिलती है. हम बात कर रहे हैं सीवान सदर अस्पताल कि जहां आए दिन भारी संख्या में मरीज आते हैं और कमोवेश इन सभी का इलाज भी होता है, लेकिन यह इलाज धक्का देकर होता है. यानी कि जोर जबरदस्ती जब मरीज के परिजन या मरीज करते हैं तो उनका इलाज हो पाता है.
चिकित्सक रहते हैं गायब
सदर अस्पताल के कर्मचारी मरीज अगर सुधर भी जाए तो डॉक्टर सुधारने वाले नहीं हैं. सदर अस्पताल में दंत चिकित्सक और हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक हमेशा गायब पाए जाते हैं, लेकिन इनके ऊपर किसी तरह की कोई करवाई नहीं होती है. मरीजों का कहना है कि दांत और हड्डी के चिकित्सक हमेशा गायब रहते हैं. दवाओं का भी घोर अभाव है. वहीं, हम बात कर लें कर्मचारी की तो दंत रोग विशेषज्ञ और हड्डी रोग विशेषज्ञ के कर्मचारी डॉक्टरों को बचाने के पक्ष में रहते हैं. डॉक्टर आते नहीं हैं, लेकिन उनका कहना होता है कि डॉक्टर साहब आए हैं. अभी तुरंत कहीं गए हैं. वहीं, बात कर ले दवा की तो सदर अस्पताल में जो बोर्ड लगे हैं उस बोर्ड पर 101 दवा उपलब्ध होने की तस्वीर लगाई गई है, लेकिन 70-72 ही दवा अस्पतालों में उपलब्ध है.
स्वास्थ्य व्यवस्था का है बुरा हाल
ऐसे में आप समझ सकते हैं कि स्वास्थ्य व्यवस्था या स्वास्थ्य विभाग के जो मंत्री हैं. वह कहते कुछ और हैं और होता कुछ और है. व्यवस्था को सुधारने की बात तो जरूर वह करते हैं, लेकिन सुधार नहीं रहे हैं. जरूरत है सबसे पहले ऐसे चिकित्सकों पर अंकुश लगाने की जो ड्यूटी आवर में गायब रहते हैं. साथी ही सभी मरीजों को मिलने वाली सुविधा को पूरा करने की.
रिपोर्ट - निरंजन कुमार
HIGHLIGHTS
- आए दिन भारी संख्या में आते हैं मरीज
- जोर जबरदस्ती से मरीजों का होता है इलाज
- चिकित्सक अस्पताल से हमेशा पाए जाते हैं गायब
Source : News State Bihar Jharkhand