राज्य के स्वास्थ्य विभाग में सुधार लाने के लिए लगातार नए नए नियम लाये जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव भी यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि पहले से बहुत ज्यादा सुधार स्वास्थ्य विभाग में आया है, लेकिन इसकी असल सच्चाई सिवान का सदर अस्पताल बता रहा है. जहां रात भर मरीजों को अंधेरे में ही रहना पड़ा. इतना ही नहीं इमरजेंसी सेवा में भी चिकित्सक टॉर्च के सहारे ही मरीजों को देख रहे थे. अस्पताल की लापरवाही का अंजाम मरीजों को भुगतना पड़ा. भीषण गर्मी में मरीज बस बेचैन होते रहे.
अस्पताल कर्मचारी की लापरवाही
सिवान में बीती रात को सदर अस्पताल के जनरेटर ऑपरेटर या यू कहे तो अस्पताल कर्मचारी की लापरवाही के कारण पूरे सदर अस्पताल में अंधेरा छाया रहा. सदर अस्पताल के इमरजेंसी सेवा में टॉर्च के सहारे ही मरीजों का इलाज किया गया. दरअसल कल मोहर्रम को लेकर बिजली की कटौती की गई थी. जिसके बाद सदर अस्पताल के जनरेटर को चलाया गया, लेकिन कुछ देर चलने के बाद ही जरनेटर का तेल खत्म हो गया और उसके बाद रात ज्यादा हो गई. जिसके कारण जनरेटर का तेल नहीं आ पाया और पूरे अस्पताल परिसर में अंधेरा छाया रहा.
टॉर्च के सहारे ही मरीजों का हुआ इलाज
हालात ये थे कि इमरजेंसी सेवा में भी चिकित्सक टॉर्च के सहारे ही मरीजों का इलाज कर रहे थे. काफी देर बाद बिजली सेवा जब बहाल हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली. तेज गर्मी के कारण अस्पताल के मरीज परेशान होते रहे. अब सवाल ये उठता है कि जब सदर अस्पताल के मैनेजमेंट के लोग को पहले से पता था कि मोहर्रम को लेकर बिजली काटी जाएगी तो पहले ही जनरेटर की व्यवस्था सही ढंग से क्यों नहीं की गई. कहीं ना कहीं अस्पताल के कर्मचारी के साथ-साथ अस्पताल मैनेजमेंट की भी गड़बड़ी सामने आ रही है.
HIGHLIGHTS
- टॉर्च के सहारे ही मरीजों का हुआ इलाज
- रात भर मरीजों को अंधेरे में ही रहना पड़ा
- भीषण गर्मी में मरीज बस होते रहे बेचैन
- अस्पताल कर्मचारी की लापरवाही
Source : News State Bihar Jharkhand