बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए जदयू ने 'मिशन 2025' के तहत विधानसभा सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है. यह सम्मेलन सभी विधानसभा क्षेत्रों में होगा और इसे दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. सम्मेलन की तारीखों का ऐलान जल्द ही किया जाएगा, जिससे पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक सही समय पर तैयार रह सकें.
संसदीय क्षेत्र के अनुसार योजनाएं
जदयू के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि सम्मेलन का आयोजन एक साथ कई विधानसभा क्षेत्रों में किया जाएगा, जिसके लिए संसदीय क्षेत्र के अनुसार योजनाएं बनाई जाएंगी. इसके साथ-साथ जिला सम्मेलन भी आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है. इससे पार्टी के पदाधिकारियों, विधायकों और संभावित प्रत्याशियों को एक मंच पर लाने का अवसर मिलेगा, जिससे वे विकास योजनाओं और आगामी चुनावी रणनीतियों पर चर्चा कर सकें.
चुनाव में 225 सीटें जीतने का लक्ष्य
इस बार की थीम 'नंबर 225' रखी गई है, जो एनडीए के लक्ष्य को दिखाती है. पार्टी का उद्देश्य है कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में सम्मेलन के माध्यम से कार्यकर्ताओं को यह समझाया जाए कि चुनाव में 225 सीटें जीतने का लक्ष्य कैसे हासिल किया जा सकता है. इस संदर्भ में, पार्टी कार्यकर्ताओं को जानकारी दी जाएगी कि कैसे वे अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रह सकते हैं और किस तरह से वोटरों के बीच अपनी बातें रख सकते हैं.
एक डाटा शीट भी तैयार कराई गई
जदयू ने विधानसभा सम्मेलन के लिए उपलब्धियों की एक डाटा शीट भी तैयार कराई है, जिसमें यह दर्शाया जाएगा कि नीतीश कुमार की सरकार ने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में विकास योजनाओं पर कितनी राशि खर्च की है. इससे कार्यकर्ताओं को स्थानीय विकास के मुद्दों पर चर्चा करने में मदद मिलेगी और वे यह बता सकेंगे कि उनकी सरकार ने किस तरह से सामाजिक सुरक्षा और विकास योजनाओं में योगदान दिया है.
जनता के बीच एक्टिव रहेंगे कार्यकर्ता
विधानसभा सम्मेलन में यह भी तय होगा कि संबंधित विधानसभा क्षेत्र में आगे कैसे बढ़ना है और किन मुद्दों के साथ पार्टी को वोटरों के पास जाना है. इस दौरान, सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने पर जोर दिया जाएगा. इसके अलावा, कार्यकर्ताओं को नियमित रूप से सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच रखने के लिए सक्रिय रहने के लिए भी कहा जाएगा.
जदयू का 'मिशन 2025'
इस प्रकार, जदयू का 'मिशन 2025' केवल चुनावी रणनीति नहीं, बल्कि पार्टी के विकास और सामाजिक सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है.