पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य में नियोजित शिक्षकों को राहत देते हुए कहा कि समान काम के लिए समान वेतन लागू होना चाहिए। न्यायालय ने नियोजित शिक्षकों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया।
पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने नियोजित शिक्षकों की तरफ से दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई के बाद कहा कि समान काम के बदले समान वेतन की मांग सही है।
नियोजित शिक्षकों के वकील दिनू कुमार ने बताया कि अदालत ने कहा कि ऐसा नहीं करना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन भी है। इस फैसले के बाद राज्य के करीब 3.50 लाख नियोजित शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। बिहार के नियोजित शिक्षक अपनी इस मांग को लेकर काफी दिनों से आंदोलनरत थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों की मांगों को गैरवाजिब करार दिया था।
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इसके बाद नियोजित शिक्षकों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया था कि राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों से समान कार्य तो लिया जा रहा है, लेकिन वेतन समान नहीं दिया जा रहा है।
अदालत के इस फैसले का विभिन्न शिक्षक संघों ने स्वागत करते हुए इसे न्याय की जीत करार दिया है।
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Source : News Nation Bureau