कचना रेलवे स्टेशन कई माइनो में खास है. आजादी के पहले अंग्रेज इस स्टेशन का प्रयोग बांग्लादेश और पाकिस्तान जाने में किया करते थे. मगर जैसे ही देश का विभाजन हुआ, आजादी के बाद से ही इस स्टेशन का वर्चस्व खत्म होने लगा. यह स्टेशन कटिहार डिवीजन का आखरी स्टेशन है. इसके बाद से पश्चिम बंगाल की सीमा शुरू हो जाती है. कचना स्टेशन में लोग हजारों की तादाद में यात्रा करते हैं. मगर स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर 2 ना बनने से यात्रियों को सफर करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. आए दिन इस प्लेटफार्म पर कई दुर्घटनाएं होती रहती है. कई लोग अपने जान तक गंवा चुके हैं.
अपना वर्चस्व खो रहा यह स्टेशन
मगर किसी ने इस समस्या से निजात दिलाने की कवायद तक नहीं की और ना ही किसी ने इसकी सुध ली. यहां सबसे बड़ी चुनौती यात्रियों के लिए यह होती है कि अगर दो नंबर प्लेटफार्म पर ट्रेन आ जाए तो इस पार से उस पार जाने के लिए कई दिक्कतें होती है. खासकर उम्र दराज लोगों के लिए, जो बीमार अवस्था में इलाज के लिए कहीं जाते हैं. उनके लिए भी यह सबसे बड़ी चुनौती होती है कि उस पार जाकर ट्रेन कैसे पकड़े.
प्रशासन की नहीं खुल रही नींद!
इसी चक्कर में लोगों की ट्रेन भी छूट जाती है. आज से तकरीबन एक महीने पहले क्रॉसिंग करते समय एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है. अगर इस स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर 2 और फूट ओवर ब्रिज बन जाए तो लोगों को शायद इस समस्या से निजात मिल सकती है. न्यूज स्टेट की टीम ने जब इस समस्या पर कटिहार डिवीजन के डीआरएम सुरेंद्र कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि अगर इस प्रकार की समस्या है, तो लोगों को इस समस्या से निजात मिलेगी और नए प्रोजेक्ट के तहत कचना स्टेशन पर यात्रियों के सुविधा के लिए दो नंबर प्लेटफार्म बनाया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- प्लेटफॉर्म ना बनने से लोग परेशान
- अपना वर्चस्व खो रहा यह स्टेशन
- प्रशासन की नहीं खुल रही नींद!
Source : News State Bihar Jharkhand