पूर्णिया के बनमनखी अनुमंडल के बहोरा के रहने वाले अविनाश झा गांव के काली मंदिर में पहले पूजा से सीने पर कलश स्थापित कर सोए हुए हैं. इनकी साधना को देखने के लिए आसपास के लोग भी पूजा अर्चना करने के लिए अब पहुंच रहे हैं. मां की साधना में लीन अविनाश बताते हैं कि यह शक्ति उन्हें मां से ही प्राप्त हुई है और बिना जल पानी के साधना के लिए प्रेरणा मिली है. वहीं, स्थानीय निवासी भी अविनाश की साधना से काफी प्रभावित है. ग्रामीण भी इस कार्य में उनका भरपूर सहयोग दे रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सीने पर कलश रख कर अविनाश झा एक पूजा से दशमी तक मां की साधना में लीन हैं. वहीं, इनलोग बताते हैं कि प्रथम पूजा से लेकर दशमी पूजा तक अन्न जल और फल ग्रहण नहीं करेंगे.
12 ज्योतिर्लिंग और चार धाम की यात्रा कर मां की तपस्या में जुटा शख्स
इस दौरान प्रतिदिन संध्या काल में तीन चम्मच गंगा जल ग्रहण करते हैं. इन दस दिनों तक पीठ धरती पर और चेहरा आकाश की ओर ही रखना होता है. यह साधना अविनाश बहोरा के काली मंदिर में कर रहे हैं. इस दौरान ग्रामीण उनका काफी सहयोग कर रहे हैं. सुबह और शाम गांव की महिलाएं व बच्चियां सुबह शाम आकर उनके नजदीक बैठ कर आरती गान करती हैं. अविनाश झा इससे पहले बारह ज्योतिर्लिंग और चारों धाम की लगभग 17000 किलोमीटर पैदल यात्रा की इलाके में चर्चा तो थी ही और मां देवी के प्रति इस श्रद्धा को देख आस-पास के इलाकों में और चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग इन्हें दूर-दूर से देखने पहुंच रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- 12 ज्योतिर्लिंग और चार धाम की यात्रा कर
- मां की तपस्या में लीन पूर्णिया का यह शख्स
- युवक की श्रद्धा बनी चर्चा का विषय
Source : News State Bihar Jharkhand