चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर यानि पीके बिहार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर 'जन सुराज यात्रा' निकाल कर लोगों के साथ लगातार जुड़ रहे हैं. पीके राज्य के तमाम जिलों में अपनी यात्रा कर रहे हैं और पैदल गांव-गांव घूम रहे हैं. आज उन्होंने खुलकर शराबबंदी कानून का विरोध किया और कहा कि शराबबंदी कानून को बिहार में खत्म करना चाहिए. इसके रहने से राज्य को काफी नुकशान हो रहा है. प्रशांत किशोर ने इसके लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी हवाला दिया.
महात्मा गांधी ने नहीं किया शराबबंदी का समर्थन
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून को खत्म किया जाना चाहिए. इससे राज्य को फायदा ही फायदा होगा. पीके ने कहा कि शराबबंदी करके किसी भी प्रकार का कोई फायदा नहीं मिलने वाला. महात्मा गांधी कभी भी शराबबंदी के पक्षधर नहीं थे लेकिन जो कह रहे हैं उन्होंने बापू को पढ़ा ही नहीं हैं. जहां तक मेरा मानना है कि महात्मा गांधी ने कभी भी शराबबंदी का समर्थन नहीं किया है. प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि पूरी दुनिया में ऐसा कोई भी राज्य या देश नहीं है जिसने शराबबंदी करके अपना सामाजिक व राजनीतिक उत्थान किया हो.
महात्मा गांधी ने कहा था-शराब पीना बुरी बात
प्रशांत किशोर ने बल देते हुए कहा कि जो लोग बोलते हैं कि गांधी जी ने शराबबंदी की बात कही थी, मैं उनकी बातों को सिरे से खारिज कर रहा हूं. मैं ऑन कैमरा चुनौती दे रहा हूं कि जो भी इस बात का दावा कर रहा हो वह मुझे लाकर दिखाए कि गांधी जी ने शराबबंदी की बात कब कही थी की सरकार को शराबबंदी कानून लागू करना चाहिए. हालांकि, पीके ने ये जरूर कहा कि महात्मा गांधी ने ये जरूर कहा था कि शराब पीना बुरी बात है, इसको रोकने के लिए समाज को प्रयास करना चाहिए. गांधी जी ने ये कभी नहीं कहा कि कानून बनाकर शराबबंदी लागू की जानी चाहिए.
HIGHLIGHTS
- प्रशांत किशोर का बड़ा बयान
- बिहार को घाटा पहुंचा रही शराबबंदी कानून
- शराबबंदी कानून खत्म होना चाहिए
- महात्मा गांधी भी नहीं थे शराबबंदी के पक्षधर
Source : News State Bihar Jharkhand