बिहार में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के दावों को आईना दिखाने वाली खबर सुपौल से सामने आई है, जहां बसंतपुर पीएचसी की एम्बुलेंस किसी मरीज को अस्पताल लाने या अस्पताल से घर ले जाने के बजाय स्वास्थ्य कर्मियों के लिए मृत्यु भोज में शामिल होने की सवारी गाड़ी बन गई. स्थानीय लोगों को जब इसकी भनक लगी तो मामला सुपौल डीएम तक पहुंचा. इसके बाद प्रशासनिक महकमा हरकत में आया और तत्काल ही एम्बुलेंस चालक और ईएमटी को हिरासत में ले लिया गया. वहीं, एम्बुलेंस में सवार होकर भोज खाने के लिए गए स्वास्थ्य कर्मी भोज खा कर वापस अपने घर को लौट गए.
एम्बुलेंस में बैठ जा रहे थे भोज खाने
हालांकि सूचना पर वीरपुर एसडीएम कुमार सत्येंद्र यादव और बसंतपुर बीडीओ कुमार मनीष भारद्वाज सहित पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और एम्बुलेंस चालक व ईएमटी को वीरपुर थाने की पुलिस ने हिरासत में ले लिया. वहीं, बुधवार दोपहर बसंतपुर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अर्जुन चौधरी के लिखित शिकायत पर प्राथमिकी भी दर्ज करा दी गई है, लेकिन सुपौल के वीरपुर अनुमंडल से आई इस खबर ने एक बार फिर बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े किए हैं. सवाल यह है कि अगर उसी वक्त कोई बड़ी अनहोनी हो जाती, तो इसका जिम्मेवार कौन होता?
स्थानीय लोगों ने डीएम से की शिकायत
दरअसल, बताया जा रहा है कि बसंतपुर पीएचसी में तैनात एम्बुलेंस बीआर 01पीएन 8309 के ईएमटी बसंतपुर वार्ड 7 निवासी मनीष कुमार झा के एक रिश्तेदार सीतापुर के वार्ड 12 निवासी जगदीश झा का बीते दिनों देहांत हो गया था. जिसके बाद बीते तीन दिनों से पीएचसी के कई स्वास्थ्य कर्मी रोज रात में भोज के लिए एम्बुलेंस से ही जा रहे थे. वहीं, मंगलवार की रात स्थानीय आशीष देव ने इसकी शिकायत सुपौल डीएम से कर दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने एम्बुलेंस चालक मिथुन कुमार और ईएमटी सुपौल के बसंतपुर के ही वार्ड 7 निवासी मनीष कुमार झा को हिरासत में ले लिया.
एम्बुलेंस चालक और ईएमटी के खिलाफ केस दर्ज
इधर, बसंतपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अर्जुन चौधरी ने वीरपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी में बताया है कि एम्बुलेंस चालक और ईएमटी बिना किसी सूचना के ही सरकारी एम्बुलेंस का प्रयोग निजी कार्य के लिए कर रहे थे. जिसकी वजह से पीएचसी में कार्य भी बाधित हुआ है. उन्होंने मामले में वीरपुर पुलिस से दोनों के विरुद्ध कार्रवाई का अनुरोध किया है. इधर, वीरपुर थानाध्यक्ष संदीप कुमार सिंह ने बताया कि दोनों एम्बुलेंस कर्मियों को हिरासत में लिया गया था. मामले में 5 साल से कम की सजा का प्रावधान है. लिहाजा कोर्ट से बंधपत्र के आधार पर छोड़ दिया गया है.
HIGHLIGHTS
- एम्बुलेंस में बैठ जा रहे थे भोज खाने
- स्थानीय लोगों ने डीएम से की शिकायत
- चालक और ईएमटी के खिलाफ केस दर्ज
Source : News State Bihar Jharkhand