भाजपा नेता संजीव मिश्रा हत्या मामले में पुलिस कुछ भी बताने सें परहेज कर रही है. जानकर बताते हैं कि बंगाल का सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण PFI का गढ़ माना जाता है और पीएफआई के निशाने पर बीजेपी नेता संजीव मिश्रा थे. हत्या के बाद सरकार के साथ कटिहार पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है. जहां संजीव मिश्रा की हत्या की गई है. थाने से महज चंद कदम की दूरी पर हत्या होना सरकार और कटिहार प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है.
आपको बता दें कि संजीव मिश्रा पर साल 2016 में जिला परिषद चुने जाने के बाद भी कातिलाना हमला हुआ था और वह बाल-बाल बच गए थे, जिनमें उनके बहनोयी की मौत हो गयी थी. दुसरी बार इनपर 2021 में कुरूम से तेलता जाने के दौरान धानाडा गांव के समीप हमला किया गया, जहां वे गम्भीर रूप से जख्मी हो गए थे. इलाज के बाद उसको एक अंगरक्षक प्रदान किया गया था, लेकिन नयी गठबंधन की सरकार बनने के बाद संजीव मिश्रा असुरक्षित छोड़ अंगरक्षक को वापस ले लिया गया. अब उसकी हत्या हो गई.
संजीव मिश्रा चार-भाई बहन में सबसे बड़े थे और उन्होंने विवाह नहीं किया था. आजीवन भाजपा के लिए काम करते रहे पूर्व में राजनीतिक रंजिश के कारण इनके बहनोई की भी हत्या कर दी गई थी. जहां कटिहार का पुलिस प्रशासन कठघरे में देख आक्रोशितों ने तेलता ओपी को टारगेट बना डाला है. चर्चित बीजेपी नेता संजीव मिश्रा हत्याकांड में तीन संदिग्ध को पुलिस ने लिया हिरासत लिया है. सांसद ने कहा कि प्रशासन समय उन्हें अंगरक्षक उपलब्ध कराता तो नेता की जान बच सकती थी.
मृतक नेता संजीव मिश्रा के भाई हिमांशु ने कहा ने कहा कि राजनीतिक षडयंत्र में रची साजिश के तहत मेरे बड़े भाई की हत्या हुई है. पुलिस महकमा तीन माह पूर्व अंगरक्षक को बुला लिया था. वापस पुलिस नाकामियों से हत्यारों के मंसूबे बुलंद हुए हैं. मृतक के मौत का जिम्मेवार पुलिस विभाग है. उन्होंने कहा कि मेरा भाई जातिगत राजनीति का विरोध करता था. चार वर्ष के अंतराल पर मेरे परिवार के दो लोगों मौत के घाट उतार दिया गया. जांच का विषय है प्रतिबंधित पीएफआई समेत अन्य पार्टियों का इलाके में बर्चस्व है. प्रत्यक्षदर्शी बालक की माने तो बाइक सवार चार लोगों ने घर में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी.
सिविल सर्जन डॉ दीनानाथ झा ने जानकारी देते हुए बताया कि चिकित्सक की गठित तीन सदस्यीय टीम शव का पोस्टमार्टम कर रही है.
रिपोर्ट : नीरज झा
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Source : News State Bihar Jharkhand