प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से कोरोना संकट के बीच कुल 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद बिहार की सियासत गरम हो गई. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जहां इस पैकेज के बहाने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसका स्वागत किया. इधर, कांग्रेस ने भी इस पैकेज को लेकर भ्रम पैदा करने वाला बताया.
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प्रधानमंत्री के पैकेज की घोषणा के बाद बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नरेंद्र मोदी के पुराने वादों को लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर नीतीश कुमार से स्पेशल पैकेज का स्टेटस रिपोर्ट मांगा है. राजद नेता ने अपने ट्वीट में लिखा है, '2015 में नाटकीय ढंग से बिहार के विकास के लिए 1 लाख 65 हजार करोड़ का एक भारी भरकम पैकेज घोषित किया गया था. 5 साल बाद हम नीतीश कुमार जी से आग्रह करते है कि उस बहुप्रतीक्षित पैकेज की केंद्र से प्राप्त और खर्च धनराशि पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें या उस पर एक बयान जारी करें.'
2015 में नाटकीय ढंग से बिहार के विकास के लिए ₹ 1 लाख 65 हजार करोड़ का एक भारी भरकम पैकेज घोषित किया गया था।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 12, 2020
5 साल बाद हम श्री नीतीश कुमार जी से आग्रह करते है कि उस बहुप्रतीक्षित पैकेज की केंद्र से प्राप्त और खर्च धनराशि पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे या उस पर एक बयान जारी करें। pic.twitter.com/aLmNO6iudm
इधर, भाजपा के नेता और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज का स्वागत किया. पांडेय ने कहा, 'आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री द्वारा किया गया. मैं इस आर्थिक पैकेज का स्वागत करता हूं और इस जनहितार्थ महान निर्णय के लिए प्रधानमंत्री को कोटि कोटि धन्यवाद देता हूं.'
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उधर, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के पैकेज को भ्रम पैदा करने वाला बताया. युवा कांग्रेस के बिहार ईकाई के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष के महत्वपूर्ण सुझाव के बाद प्रधानमंत्री का पैकेज घोषणा करना बेहतर कदम है, फिर भी प्रधानमंत्री का अपारदर्शी घोषणा बहुत बड़ा भ्रम पैदा करता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को समय सीमा भी बताना चाहिए था कि ये 20 लाख करोड़ का पैकेज कितने वर्षो तक बंटेगा और कितने पूर्व से और कितने विभागों के पूर्व में खर्च हो चुके बजट को इसमें जोड़ा गया है.
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के इस आपदाकाल में भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 130 करोड़ जनता के मन मस्तिष्क के साथ खेलने का काम कर रहे हैं. इस भीषण आपातकालीन परिस्थिति में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों-मजदूरों तथा कोरोना के आपदा के शिकार कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा. उल्लेखनीय है कि मंगलवार की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के संक्रमण काल में 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है.
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