Bihar Political News: वक्फ संशोधन विधेयक पर नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन करने के बाद, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने सोमवार को पटना में मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की. इस बैठक का उद्देश्य विधेयक को लेकर मुस्लिम समुदाय की चिंताओं को समझना और उनका समाधान करना था. जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने इस बैठक के बाद कहा कि विधेयक पर बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में जेडीयू के प्रतिनिधि, मुसलमानों की चिंताओं को प्रमुखता से उठाएंगे. जेपीसी में जेडीयू के तरफ से सुपौल के सांसद दिलेश्वर कमैत को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है, जिन्होंने इस मुद्दे पर पार्टी की स्थिति को स्पष्ट करने का आश्वासन दिया है.
जेडीयू का वक्फ संशोधन विधेयक पर रुख
आपको बता दें कि लोकसभा में ललन सिंह ने विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए कहा था कि वक्फ बोर्ड एक धार्मिक संस्था नहीं, बल्कि एक संगठन है, जिसमें सरकार भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हस्तक्षेप कर सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य धर्म में हस्तक्षेप करना नहीं है, बल्कि संस्थाओं में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकना है. ललन सिंह के इस बयान के बाद, कुछ मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने पटना में जेडीयू अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और विधेयक पर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने नीतीश कुमार को बताया कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम समुदाय के लिए चिंता का विषय है और इसमें सुधार की जरूरत है.
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मुस्लिम नेताओं से मुलाकात और आश्वासन
वहीं नीतीश कुमार के निर्देश पर, सोमवार को पटना के जेडीयू कार्यालय में ललन सिंह ने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में, दोनों बोर्ड के अध्यक्षों ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधन को लेकर अपनी चिंताओं और सुझावों को विस्तार से रखा. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि नीतीश कुमार अल्पसंख्यकों के विकास और हितों के प्रति हमेशा समर्पित रहे हैं और विधेयक से अल्पसंख्यकों के हितों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा.
जेडीयू का अल्पसंख्यकों के प्रति प्रतिबद्धता
इसके अलावा आपको बता दें कि बैठक में मंत्री विजय चौधरी, जमा खान, महासचिव मनीष वर्मा, शिया वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सैयद अफजल अब्बास और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद ईर्शादुल्लाह भी मौजूद थे. उमेश कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इस विधेयक के संदर्भ में उनकी चिंताओं को गंभीरता से लिया जाएगा. पार्टी ने आश्वासन दिया है कि विधेयक के संदर्भ में किसी भी निर्णय को मुसलमानों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही लिया जाएगा. बहरहाल, इस बैठक के बाद जेडीयू ने मुस्लिम समुदाय के साथ अपने संवाद को और मजबूत किया है और उनकी चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनके हितों का संरक्षण प्राथमिकता होगी.