उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) के डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए विधानसभा चुनाव होने की संभावना वाले बयान पर बिहार का सियासी पारा गर्म हो गया है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस जहां मोदी के इस बयान पर भड़क गई है, वहीं जनता दल-युनाइटेड (जदयू) को भी यह सलाह रास नहीं आई. कांग्रेस नेता और विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि जो फैसला चुनाव आयोग को करना है, वह सुशील मोदी कैसे बोल सकते हैं. कांग्रेस (Congress) ने सुशील मोदी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि 'क्या सुशील मोदी चुनाव प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं?'
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वहीं, राजद ने भी मोदी के बयान पर सवाल उठाया है. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा, 'सुशील मोदी चुनाव आयोग हैं क्या? हमारी प्राथमिकता तो फिलहाल मजदूरों के दुखों को कम करना है.' उन्होंने कहा, 'राजद एक राजनीतिक पार्टी है, चुनाव आयोग चुनाव के लिए जो नियम तय करेगा, उसी के हिसाब से हमलोग चुनाव की तैयारी करेंगे. इसमें मोदीजी क्या हैं?'
जदयू के प्रधान महासचिव के.सी़ त्यागी ने भी सुशील मोदी के बयान पर अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा, 'यह अव्यावहारिक और अलोकतांत्रिक है. फिलहाल देश में डिजिटल चुनाव संभव नहीं है.' इधर, वंचित समाज पार्टी के चुनाव अभियान समिति के प्रमुख ललित मोहन सिंह ने कहा कि देश में यह संभव नहीं है. उन्होंने भाजपा की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, 'बिहार जैसे पिछड़े राज्यों में डिजिटल की जानकारी कितने लोगों के पास है?'
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उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, 'अगर ऐसा करने की कोशिश की गई तो बिहार में बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा.' सुशील मोदी ने मंगलवार को कहा था कि कोरोना के संक्रमण और उसके प्रभाव के कारण बिहार विधानसभा चुनाव में हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार और बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियों के बजाय डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए चुनाव होने की बात कही थी.
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