बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर के बयान पर सियासी घमासान जारी है. JDU के बाद अब कांग्रेस ने भी इस बयान से किनारा कर लिया है. शिक्षा मंत्री के बयान को कांग्रेस MLA संतोष मिश्र ने गलत बताया है और शिक्षा मंत्री को माफी मांगने की नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि 'रामचरितमानस हिन्दुओं के कानून की किताब है.' उन्होंने रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री के बयान की निंदा की और कहा कि शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर को इस मामले में अपनी बात वापस लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांग लेनी चाहिए.
कांग्रेस MLA संतोष मिश्र ने शिक्षा मंत्री को दी नसीहत उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उनका व्यक्तिगत बयान नहीं है. उनकी पार्टी का भी यही स्टैंड है. वे शिक्षा मंत्री के बयान से सहमत नहीं हैं और उस पर पूरी तरह से खुलकर असहमति व्यक्त करते हैं. उन्होंने करगहर में कहा कि जिस कालखंड में गोस्वामी तुलसीदास ने इस पवित्र धर्म-ग्रंथ की रचना की. उस कालखंड का संदर्भ क्या था? सामाजिक परिवेश कैसी थी? जिसको देखते हुए रामचरित मानस की रचना की गई थी. उस परिस्थिति और संदर्भ को भी उन्हें देखना चाहिए.
उन्होंने मंत्री के बयान से पूरी तरह से असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनका तथा उनके पार्टी का स्टैंड है. मंत्री से आग्रह है कि वह इस मामले में अपनी बात वापस लेकर माफी मांग ले. आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ करार दिया था. जिसके बाद पूरे प्रदेश में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को पार्टी से निकालने की मांग वहीं, ट्वीट के जरिेए RJD पर सुशील मोदी ने हमला बोला है. सुशील मोदी ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को पार्टी से निकालने की मांग की है. नूपुर शर्मा के खिलाफ BJP की कार्रवाई का उन्होंने हवाला दिया. उन्होंने कहा कि ट्विट कर जारी किए गए पोस्टर में लिखा गया है कि एक समुदाय की भावनाओं को लेकर जब बीजेपी ने कार्रवाई की तो RJD क्यों नहीं कर रही है.