दरभंगा एम्स को लेकर सियासत फुल स्पीड में है. खासकर पीएम मोदी द्वारा दिए गए बयान को बिहार सरकार के महागठबंधन दलों के नेता भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. ताजा मामले में एक बार फिर से बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखा है. पत्र को तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, 'केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मांडविया जी को दरभंगा एम्स के संदर्भ में सकारात्मक निर्णय लेने की अपेक्षा के साथ पुन: पत्र लिखा है. बिहार सरकार ने निःशुल्क 151 एकड़ भूमि केंद्र सरकार को हस्तांतरित की है लेकिन पता नहीं केंद्र सरकार स्थल स्वीकृति पर निर्णय क्यों नहीं ले पा रही है? सनद रहे, आदरणीय प्रधानमंत्री जी अपने भाषणों में दरभंगा में एम्स खुलवा भी चुके है.'
क्या लिखा है पत्र में?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को संबोधित पत्र जिसे 114 अगस्त 2023 को तेजस्वी यादव द्वारा लिखा गया है, में लिखा है कृपया मेरे अर्द्ध-सरकारी पत्रांक - 03, दिनांक- 22.06.2023 का संदर्भ लेना चाहेंगे. इस पत्र के माध्यम से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दरभंगा हेतु राज्य सरकार द्वारा दरभंगा जिले के बहादुरपुर अंचल अंतर्गत एकमी शोभन - बाईपास पर अवस्थित भूमि संबंधी द्वितीय वैकल्पिक प्रस्ताव पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था. परिणाम की सूचना अप्राप्त है.
पत्र में आगे लिखा है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना दरभंगा जिले में होने के संबंध में विशेष तौर पर कहना है कि-(1) एम्स के लिए उपर्युक्त चिन्हित स्थल इस्ट-वेस्ट कोरिडोर से मात्र 3 कि०मी० पर एवं आमस-दरभंगा चार लेन सड़क से महज 5 कि०मी० की दूरी पर और दरभंगा एयरपोर्ट से मात्र 10 कि०मी० की दूरी पर अवस्थित है, जिससे मरीजों को यहाँ पहुँचने में काफी कम समय लगेगा. (2) एम्स की स्थापना शहर के बाहर होने की स्थिति में दरभंगा शहर के विस्तारीकरण के साथ नये इलाके के विकास का भी रास्ता सुगम होगा. (3) उत्तर बिहार, मिथिलांचल और नेपाल के लोगों को उच्चस्तरीय इलाज की सुविधा प्राप्त हो सकेगी एवं (4) दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल और एम्स दोनों संस्थान के अलग-अलग बनने की स्थिति में दोनों अस्पताल विशेषज्ञ अस्पताल के रूप में विकसित हो सकेंगे.
आगे लिखा है कि इस संबंध में यह भी उल्लेखनीय है कि दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में अब भूमि भी उपलब्ध नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल को 2500 शय्या के अस्पताल के रूप में पुनर्विकसित करने हेतु 3115 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की जा चुकी है एवं निविदा की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. विदित हो कि राज्य सरकार द्वारा एम्स निर्माण हेतु प्रस्तावित भूमि कुल रकवा 151.17 एकड़ में से 113.86 एकड़ भूमि एम्स, दरभंगा को निःशुल्क हस्तान्तरित की जा चुकी है और चिन्हित भूखण्ड पर मिट्टी भराई के लिए राज्य योजना से 309 करोड़ रुपये की योजना भी स्वीकृत की जा चुकी है.
ये भी पढ़ें-Darbhanga AIIMS Politics: दरभंगा एम्स पर जारी है सियासत, क्या है सरकारों की नीयत
अंत में लिखा है कि अतः पुनः विनम्र अनुरोध है कि उत्तर बिहार की जनता के व्यापक हित, राज्य में चिकित्सा सुविधा के सृदृढ़ीकरण हेतु अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दरभंगा की स्थापना राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित उपर्युक्त भूखण्ड के प्रस्ताव को स्वीकृत करने पर शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय लेने की कृपा की जाए. अधोहस्ताक्षरी की जानकारी में देश में अधिकांश एम्स का निर्माण Greenfield परियोजना के रूप में ही की गई है. सकारात्मक निर्णय लिये जाने हेतु समस्त उत्तर बिहार की जनता आशान्वित है तथा इसके लिए बिहार की जनता आपकी सदैव आभारी रहेगी.
HIGHLIGHTS
- दरभंगा AIIMS पर जारी है सियासत
- तेजस्वी यादव नें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र
- पीएम नरेंद्र मोदी पर भी तेजस्वी ने किया कटाक्ष
Source : News State Bihar Jharkhand