प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अप्रैल को मन की बात की. इस कार्यक्रम में देश को संबोधित करते हुए पीएम ने कई महत्वपूर्ण बातों का भी जिक्र किया और कई लोगों से बातचीत भी की, लेकिन मोदी के मन की बात को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है. मन की बात कार्यक्रम का 100वां एपिसोड पूरा हो चुका है, जिसमें प्रधानमंत्री ने देश की जनता के नाम संबोधन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कई लोगों से बातचीत भी की. कई योजनाओं पर उन्होंने चर्चा की और मन की बात कार्यक्रम कैसे शुरू हुआ, इस पर भी उन्होंने अपनी बात कही.
मन की बात पर राजनीति सियासत
भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम में राजनीति के विषयों से दूर रहते हैं, लेकिन मन की बात कार्यक्रम जब भी होता है. इस पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी खूब होता आया है क्योंकि 100वां एपिसोड था. लिहाजा बीजेपी ने पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन इस कार्यक्रम का विरोध भी खूब हुआ. जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस से जुड़े नेताओं ने संयुक्त तौर पर बीजेपी कार्यालय के सामने इस कार्यक्रम का विरोध किया.
मोदी पर विपक्ष का हमला
एक तरफ बीजेपी के नेता मन की बात कार्यक्रम को बता रहे हैं कि यह ऐतिहासिक कार्यक्रम है. इसमें कहीं से भी प्रधानमंत्री मोदी राजनीतिक बातें नहीं करते हैं. पटना साहिब सांसद रविशंकर प्रसाद का तो दावा है कि सौ करोड़ से ज्यादा लोगों ने पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को सुना है, तो वहीं राजधानी पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी मौजूद थे. उनके साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मन की बात सुनी. इस दौरान सम्राट चौधरी ने मन की बात कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया, लेकिन विपक्ष के विरोध को कहा कि विपक्ष का काम ही होता है विरोध करना. लिहाजा वो अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात करें और विपक्ष इस पर सवाल नहीं उठाए ऐसा हो नहीं सकता है.
HIGHLIGHTS
- मन की बात को लेकर सियासत
- मोदी पर विपक्ष का जोरदार हमला
- सम्राट चौधरी ने कार्यक्रम को बताया ऐतिहासिक
Source : News State Bihar Jharkhand