बिहार में जातीय गणना को लेकर माहौल अब भी गरम है. बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने केंद्र सरकार से रोहिणी आयोग की रिपोर्ट जारी करने की बात कही है. वहीं, विजय चौधरी का समर्थन RJD MLC रामबली सिंह ने भी किया है. रामबली सिंह ने कहा कि मंडल आयोग के आधार पर कुछ जातियों को ही फायदा मिला है. बाकी लोगों की हकमारी हुई है. सरकार जातीय जनगणना करवा रही है, उसको भी पूरा करना चाहिए. वहीं, बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले को देख रही है. राज्य सरकार को बिहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. रोज अपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन बिहार सरकार सिर्फ केंद्र के कार्यों को लेकर और केंद्र से मांगों को लेकर चर्चा करती है.
रोहिणी आयोग की अब तक की फाइंडिग्स?
आयोग ने 1.3 लाख सरकारी नौकरियों का किया अध्ययन
OBC कोटा के तहत केंद्र सरकार की नौकरी का अध्ययन
IIT, IIM में एडमिशन से संबंधित आंकड़ों का भी अध्ययन
OBC के लिए आरक्षित सभी नौकरियों में 25 फीसदी लोगों को फायदा
कोटे का 97 फीसदी हिस्सा.. OBC के केवल 25 फीसदी लोगों को मिला
IIT, IIM में एडमिशन के कोटे का लाभ 25 फीसदी लोगों को मिला
नौकरियों-एडमिशन का 24.95 फीसदी हिस्सा केवल 10% समुदायों को मिला
983 OBC समुदायों का नौकरियों और एडमिशन में शून्य प्रतिनिधित्व
विभिन्न भर्तियों-एडमिशन में 994 ओबीसी उपजातियों का कुल प्रतिनिधित्व केवल 2.68%
जातीय जनगणना को लेकर नीतीश कुमार मुखर
बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना को लेकर राज्य के सीएम नीतीश कुमार मुखर रहे हैं. आइए जानते हैं कि आखिर खुद सीएम ने जातीय जनगणना का सर्वेक्षण कराने का फैसला क्यों किया. दरअसल, बिहार जैसे राज्य चुनाव में जीत और हार जातीय जनगणना पर बहुत ज्यादा आधारित मानी जाती है. नीतीश की पार्टी जेडीयू भी कई सालों से जाति आधारित राजनीति कर रहे हैं. पिछड़ी व अन्य जातियों के सहारे ही नीतीश सत्ता तक पहुंचे. वहीं, जदयू की तरह राजद भी जाति आधारित राजनीति कर बिहार में मजबूती से पकड़ बनाई हुई है. अब ऐसे में जातीय जनगणना से राज्य में उनकी स्थिति और भी मजबूत होगी और वह उस हिसाब से प्रदेश में वोट बैंक को भी टारगेट कर सकती है.
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand