बिहार में राजनीतिक जमीन तलाशने में जुटे प्रशांत किशोर, जन सुराज पदयात्रा की हुई शुरुआत

प्रशांत किशोर के लिए आज का दिन लिटमस टेस्ट की तरह साबित होने वाला है. प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा शुरू हो गई है.

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Jatin Madan
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ये पदयात्रा 3500 किलोमीटर की है.( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

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प्रशांत किशोर के लिए आज का दिन लिटमस टेस्ट की तरह साबित होने वाला है. प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा शुरू हो गई है. पटना से पश्चिम चंपारण जाने से पहले करने से पहले उन्होंने पूजा-अर्चना की. इस दौरान उनके साथ में सैकड़ों लोग मौजूद रहे. प्रशांत किशोर समर्थकों के साथ भितिहरवा गांधी आश्रम के लिए सभा रवाना हुए हैं. ये पदयात्रा 3500 किलोमीटर की है. खास बात ये है कि इस पद यात्रा के लिए सच्चिदानंद राय का साथ मिला है. 

वहीं, पश्चिम चंपारण के भितिहरवा आश्रम से शुरू जनसुराज यात्रा में शामिल होने के लिए सारण के निर्दलीय एमएलसी इंजीनियर सच्चिदानंद राय ने भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ चंपारण के लिए प्रस्थान किया. इस मौके पर एमएलसी इंजीनियर सच्चिदानंद राय ने कहा कि बिहार के राजनीतिक असली मुद्दे गायब हो गए हैं. आम लोगों के जन समस्याओं पर बात करने के बजाए जाती और पार्टी के नाम पर राजनीति की जा रही है, जिससे बिहार का विकास नहीं होगा. प्रशांत किशोर ने जनता के असली मुद्दों को टटोलने का जो यह शुरुआत की है. इसके दूरगामी परिणाम होंगे. बिहार के लोगों के विकास के लिए उनकी जन समस्याओं को नजदीक से देखना है और उनके समाधान के कार्य योजना बनाने के उद्देश्य से शुरू इस जनसुराज यात्रा में शामिल होकर बिहार के विकास की नई कहानी लिखी जाएगी और इसमें हमारा योगदान होगा.

कौन हैं प्रशांत किशोर?
राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर है पहचान.
1977 में रोहतास के कोनार गांव में हुआ जन्म.
पिता श्रीकांत पांडे बिहार सरकार में हैं डॉक्टर.
प्रशांत की मां यूपी के बलिया की रहने वाली हैं.
प्रशांत की पत्नी जाह्नवी गुवाहाटी में हैं डॉक्टर.
प्रशांत की शुरुआती पढ़ाई बक्सर में हुई.
हैदराबाद से की इंजीनियरिंग की पढ़ाई.
पब्लिक हेल्थ में किया है पोस्ट ग्रेजुएशन.
ट्रेंड पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट के रूप में संयुक्त राष्ट्र में किया काम.
राजनीतिक रणनीतिकार के तौर शुरु किया काम.
बीजेपी, तृणमूल कांग्रेस और YSR कांग्रेस के लिए काम.
कांग्रेस, AAP और दूसरी राजनीतिक दलों की भी की मदद.
हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने के प्रस्ताव को ठुकराया.
2014 में नरेंद्र मोदी का प्रचार अभियान संभाला.
2015 में नीतीश कुमार से जुड़े प्रशांत कुमार.
2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह से जुड़कर दिलाई शानदार जीत.

Source : News Nation Bureau

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