कोरोना के एहतियाती बंदी से फुटपाथी दुकानों की 'बोहनी' पर आफत

बिहार स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 25 जनवरी से अब तक कोरोना से पीड़ित देशों से लौटे कुल 354 यात्रियों को सर्विलांस पर रखा गया. इनमें से 114 लोगों की 14 दिनों की निगरानी पूरी हो गई है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Business Shutdown

कोरोना के एहतियाती बंदी से फुटपाथी दुकानों की 'बोहनी' पर आफत( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

बिहार (Bihar) में कोरोना को लेकर सरकार सभी एहतियाती कदम उठा रही है, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए जा रहे एहतियाती उपायों का व्यवसाय पर काफी असर पड़ा है. सामान की बिक्री घट जाने से छोटे कारोबारी इन दिनों ज्यादा परेशान हैं. एहतियाती उपायों के तहत पटना (Patna) के मॉॅल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स व पार्क बंद कर दिए जाने के कारण फुटपाथी दुकानदार काफी परेशान हैं, जबकि अन्य दुकानों में आम दिन की तरह ग्राहक पहुंच रहे हैं. इस बीच पोल्ट्री व्यवसाय पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ा है.

यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी ने 'जनता कर्फ्यू' की तैयारी को लेकर बिहार के लोगों को किया नमन

पटना के ईको पार्क के पास फुचका (गोलगप्पे) बेचने वाले रणजय कुमार का कहना है कि पहले वह एक दिन में 1300 से 1400 रुपये की बिक्री कर लेता था, लेकिन जब से पार्क बंद हुआ है, तब से दिन में 200 रुपये की भी बिक्री नहीं हो पा रही है. इधर, आइसक्रीम बेचने वालों की भी कमोबेश यही हालत है. आइसक्रीम बेचने वाले संजय कहते हैं कि शुक्रवार का दोपहर गुजर गया, लेकिन 50 रुपये की भी बिक्री नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि घर के लिए सब्जी खरीदने के पैसे भी जेब में नहीं आ रहे हैं. अनबिकी आइसक्रीम कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर को वापस करने की समस्या अलग से है.

ऐसा ही हाल पटना चिड़ियाघर के पास चाट बेचने वालों का भी है. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोग घरों से कम निकल रहे हैं, जिस कारण सड़कों पर चहल-पहल पहले की तरह नहीं दिख रही है. पटना जंक्शन के पास फुटपाथ पर मच्छरदानी बेचने वाले रमेश रमण अपना दर्द यूं बयां करते हैं, 'हमारी तो अभी तक बोहनी नहीं हुई है. पहले चिड़ियाघर के पास दुकान लगाता था, लेकिन चिड़ियाघर बंद होने के बाद यहां आया हूं. यहां भी यात्रियों की कमी दिख रही है.'

इधर, छात्रावासों के बंद होने के बाद किताब और स्टेशनरी की दुकानें भी सुनसान हैं. बोरिंग रोड के किताब एवं स्टेशनररी दुकानदार शंभु प्रसाद कहते हैं कि छात्रावास खाली होने के बाद बिक्री 75 प्रतिशत तक घट गई है. उन्हें हालांकि उम्मीद है कि अप्रैल में स्कूलों का नया सत्र शुरू होने के बाद शायद बिक्री बढ़े. इस बीच, पटना में कुछ लोग रोजाना के सामानों की खरीदारी आम दिनों की तरह करते हुए भी दिखे. कंकड़बाग की गृहिणी प्रियंका सिन्हा कहती हैं, 'प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश के बाद भ्रम दूर हो गया. अब लोगों के पैनिक होने की जरूरत नहीं है. अभी राशन के सामान की किल्लत नहीं होने जा रही है.'

यह भी पढ़ें: Corona Virus: बिहार की जेल में महिला कैदी बना रही हैं मास्क

मंसूरगंज मंडी के दुकानदार सुशील कुमार कहते हैं कि बाहर से माल आ भी रहा है और लोग आम दिनों की तरह खरीद भी रहे हैं. उन्होंने हालांकि कहा कि गुरुवार को बिक्री कुछ बढ़ गई थी, लेकिन शाम के बाद स्थिति सामान्य है. चिकेन खाने से कोरोना वायरस फैलने की अफवाह सोशल मीडिया में उड़ने के बाद पोल्ट्री का व्यवसाय इन दिनों पूरी तरह ठप्प पड़ा है. मांस व मछली की बिक्री भी कम हो रही है. बिहार में अब तक 75 कोरोना संदिग्धों की जांच कराई गई है. गनीमत है कि एक भी पॉजिटिव मामला नहीं मिला है.

बिहार स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 25 जनवरी से अब तक कोरोना से पीड़ित देशों से लौटे कुल 354 यात्रियों को सर्विलांस (निगरानी) पर रखा गया. इनमें से 114 लोगों की 14 दिनों की निगरानी पूरी हो गई है. बिहार सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने, जांच और इलाज में सहयोग न करने वालों पर सामाजिक हित में कानूनी कार्रवाई करने तथा इसके लिए प्रशासन को व्यापक अधिकार देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर राज्य में 'एपिडेमिक डिजीज, कोविड-19, नियमावली 2020' को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.

Source : IANS

Bihar Patna covid19 Corona virus infection corona virus panic
Advertisment
Advertisment
Advertisment