बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. लेकिन इसके बाद भी मामले निकल कर सामने आते रहते हैं. हाल ही में जहरीली शराब पिने से कई लोगो की छपरा में मौत हो गई थी. एक बार फिर छपरा से मामला निकल कर सामने आया है. जहां शराब पिने और बेचने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन गिरफ्तार कैदी की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने पुलिस पर उसकी मौत का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उसके शरीर पर पिटाई के निशान थे. पुलिस की पिटाई के कारण ही उसकी मौत हुई है.
दरअसल, छपरा के गरखा थाना क्षेत्र के पीठा घाट गाव के जितेंद्र मांझी को 25 अगस्त को पुलिस ने शराब बेचने और पीने के आरोप में गिरफ्तार किया और 26 को उसे न्यायिक हिरासत में मंडल कारा छपरा भेज दिया. जहां बीती रात जितेंद्र की तबियत खराब होने की बात कही गई और उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल छपरा भेज दिया गया. जहां इलाज के दौरान जितेंद्र की मौत हो गई लेकिन जब परिजनों ने शव को देखा तो उसके शरीर पर पिटाई के काले काले दाग थे. पिटाई के जख्म देखने के बाद परिजनों ने जितेंद्र के मौत का कारण अत्यधिक पिटाई बताते हुए गरखा थानाध्यक्ष पर पिटाई का आरोप लगया है.
हालांकि इस मामले में कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं पर बड़ा सवाल यह है कि गिरफ्तारी के वक्त स्वस्थ्य आदमी की आखिर पिटाई कैसे हुई कि उसकी मौत हो गई, अगर पुलिस ने पिटाई की तो न्याययिक हिरासत में जाने से पूर्व उसकी जांच क्यो नही की गई, अगर उसकी जांच की गई तो आखिर जेल में उसके साथ ऐसा क्या हुआ कि शरीर पर जख्म के निशान दिख रहे थे.
Source : News Nation Bureau