बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक लगातार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए नए-नए फरमान जारी करते रहते हैं. अब शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों को प्रति वर्ष दिए जाने वाले कोष पर अपनी नजर बनाए रखेगी. यह व्यवस्था इसी साल से लागू किया गया है और इससे यूनिवर्सिटी में खातों के संचालन, वित्तीय प्रबंधन आदि कार्यों में पारदर्शिता आएगी. साथ ही जरूरत पड़ने पर शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों को राशि भी उपलब्ध कराएगी. जिसे ध्यान में रखते हुए केके पाठक ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के प्रस्तावित बजट की समीक्षा करने का आदेश जारी किया है. साथ ही इस निरीक्षण के आधार पर सभी विश्वविद्यालयों को बजट आवंटित की जाएगी.
शिक्षा विभाग ने फिर जारी किया नया फरमान
इस नए आदेश के बाद शिक्षा विभाग के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों की सैलेरी में भी देरी हो सकती है. वहीं, विश्वविद्यालयों की समीक्षा के बाद ही वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट जारी किया जाएगा. 15-29 मई तक अलग-अलग प्रस्तावित बजटों की समीक्षा की जाएगी. जिसके बाद ही शिक्षकों व कर्मचारियों की सैलेरी व पेंशन जारी की जाएगी. आपको बता दें कि जनवरी-फरवरी से ही विश्वविद्यालयों की सैलेरी रुकी हुई है.
शिक्षकों के साथ ही छात्रों की बढ़ी परेशानी
उधर, शिक्षा विभाग ने छात्रों को लेकर भी नया फरमान जारी कर दिया है. इसके अनुसार छात्र-छात्राएं जिस विद्यालय से मैट्रिक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं, उसी स्कूल में उनको शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए 11वीं कक्षा में नामांकन कराना पड़ेगा. अगर छात्र दूसरे विद्यालय में एडमिशन लेना चाहते हैं तो विशेष परिस्थिति में ही छात्र-छात्राएं ऐसा कर सकते हैं. इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित विद्यालय स्थानांतरण प्रमाण पत्र देना पड़ेगा. जिसके आधार पर छात्रों का नामांकन दूसरे स्कूल में हो सकेगा. जो छात्र गांव से जाकर शहर में पढ़ाई करने की इच्छा रखते हैं, उनकी परेशानी बढ़ गई है. बता दें कि केके पाठक लगातार एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- केके पाठक का नया फरमान
- रोकी जाएगी शिक्षकों व कर्मचारियों की सैलेरी
- दूसरे स्कूल में नामांकन लेना छात्रों के लिए हुआ मुश्किल
Source : News State Bihar Jharkhand