नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ वामदल विरोध दिवस मना रहे हैं. रैली, सभाएं, प्रदर्शन और प्रशासन को ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं. सीएए के विरोध में वामदलों ने आज 'बिहार बंद' का आह्वान भी किया. जिसका राज्य के अधिकतर हिस्सों में सुबह से असर देखने को मिल रहा है. बिहार के कई इलाकों में ट्रेन सेवा बाधित की गई है तो कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने चक्का जाम कर दिया. इस बीच राजधानी पटना से हैरान कर देने वाली बात सामने आई है. जब News State की टीम ने प्रदर्शनकारियों से सवाल पूछे तो उनको पता ही नहीं था कि वो प्रदर्शन किस लिए कर रहे हैं.
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राजधानी पटना में राजेंद्र नगर टर्मिनल पर ट्रेन रोककर रेल सेवा बाधित की गई. जन अधिकार पार्टी और अन्य सहयोगी दलों के सदस्यों ने राजेंद्र नगर टर्मिनल पर पहुंचकर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया. गांधी सेतु जाम करने से भी सैकड़ों वाहन फंस गए. पटना के डाक बंग्ला चौराहे पर भी महिला, बुजुर्ग और बच्चे प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए. मौके पर पहुंचे हमारे संवाददाता रजनीश सिन्हा ने ठंड में सड़क पर बैठी महिलाओं से सवाल पूछा कि वह प्रदर्शन क्यों कर रही हैं. इस सवाल का जवाब किसी को भी नहीं पता था. वहां सड़कों पर बैठी कुछ महिलाएं सवाल पर हंस रही थीं तो कोई ने सब्जी के भाव बढ़ना विरोध का कारण बताया और तो कोई बुजुर्ग महिला शायरी सुना रही थी.
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आश्चर्य तब ज्यादा हुआ जब इसी बंद का हिस्सा बने हाथ में झंडा लिए छोटे-छोटे वहां दिखे. इनमें से कोई कह रहा था GST हटाओ तो कोई बीजेपी मुर्दाबाद के नारे लगा रहा था. ऐसे में दुख होता है कि राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए बुजुर्ग, अशिक्षित, महिलाओं और बच्चों से सड़क जाम करवा देते हैं. ये तमाम तस्वीरें भी आंदोलन का राजनीतिक इस्तेमाल और स्वार्थ का प्रमाण हैं. बता दें कि वाम दलों ने आज बिहार बंद का आह्वान किया है. पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम पार्टी के अलावा कांग्रेस पार्टी 'बिहार बंद' के समर्थन में उतरी है. आरएलएसपी और वीआईपी से भी इस बंद को समर्थन मिला है.
Source : रजनीश सिन्हा