बिहार में शराबबंदी कानून लागू है कि लेकिन माफियाओं के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो रही है उल्टा माफियाओं का कुछ लोग साथ भी देते हैं. यानि माफिया की मिलीभगत से बिहार में शराबबंदी कानून को विफल बनाने की साजिश की जाती है. इसी साजिश के विरोध में मधेपुरा में आज विभिन्न महिला संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया गया और प्रतिरोध मार्च निकाला गया. प्रतिरोध मार्च में मंत्री लेसी सिंह भी शामिल हुईं. मंत्री लेसी सिंह ने मधेपुरा के डाकबंगला परिसर में बने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माला अर्पण करने के बाद प्रतिरोध मार्च की शुरुआत की.
प्रतिरोध मार्च में शामिल होने पर मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि मधेपुरा बीपी मंडल की धरती है. उन्होंने देश की दिशा और दशा को बदलने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन उनकी धरती से आज शराब माफिया एवं गठजोड़ के साजिश के खिलाफ प्रतिरोध मार्च शुरू हुआ है. प्रतिरोध मार्च की धमक दूर तक जाएगी और शराबबंदी कानून को विफल करने की साजिश करनेवालों को मुंहतोड़ जवाव देने का काम करेगी.
मंत्री लेसी सिंह ने आगे कहा कि सीएम नीतीश ने महिलाओं के ही अनुरोध पर बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया था. शराबबंदी न रहने से सबसे ज्यादा महिलाओं को नुकसान होता था. उनके साथ घरेलू हिंसा होती थी, मानिसक रूप से उन्हें प्रताड़ित होना पड़ता था और सीएम नीतीश ने उन्हें निजाती दिलाई है.
शराब से होने वाले दुष्प्रभाव का जिक्र करते हुए मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि इस बात को सब जानते हैं कि शराब से सेहत खराब हो जाता है. गंभीर बीमारी हो जाती है लेकिन कुछ दोहरी नीति अपनाने वाली पार्टी के नेताओं द्वारा शराबबंदी का विरोध किया जा रहा है और शराबबंदी कानून को विफल करने की साजिश की जा रही है लेकिन ये प्रतिरोध मार्च ऐसे नेताओं को आइना दिखाने का काम करेगा और ऐसे नेताओं को महिलाओं की तरफ से ये चेतावनी है कि वे शराबबंदी कानून को विफल करने की साजिश करने छोड़ दें.
प्रतिरोध मार्च मधेपुरा डाकबंगला चौक होते हुए मुख्य सड़क पूर्णियां गोला चौक पहुंची फिर वहां से कर्पूरी चौक पहुंची, जहां लेसी सिंह ने कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यर्पण कर प्रतिरोध मार्च का समापन किया.
HIGHLIGHTS
- महिलाओं ने निकाला प्रतिरोध मार्च
- मंत्री लेसी सिंह ने भी लिया मार्च में हिस्सा
Source : News State Bihar Jharkhand