गुरूवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 42 जवान शहीद हो गए. सीआरपीएफ (CRPF) का काफिला जम्मू से कश्मीर की ओर जा रहा था. काफिले में करीब 70 गाडियां थीं, जिनमें 2500 से भी ज्यादा जवान मौजूद थे. आतंकियों ने जिस बस को निशाना बनाया, उसमें 40 से भी ज्यादा जवान सवार थे. आतंकियों ने IED से लदे वाहन को सीआरपीएफ की बस से भिड़ा दिया, जिससे हुए धमाके में हमारे जवानों के शव क्षत-विक्षत होकर सड़कों पर फैल गए. धमाके के बाद आतंकियों ने काफिले पर गोलीबारी भी की थी.
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हमले में शहीद हुए बिहार के भागलपुर के रहने वाले रतन ठाकुर के गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. अपने लाल को खोने का दुख केवल शहीद के परिजनों ही नहीं बल्कि पूरे गांव वालों की आंखों में देखा जा सकता है. शहीद रतन ठाकुर के पिता ने रोते हुए कहा कि उन्होंने अपने जिगर के टुकड़े को भारत माता की सेवा के लिए न्योछावर कर दिया.
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शहीद के पिता ने कहा कि मैं अपने दूसरे बेटे को भी तैयार कर भारत माता की सेवा के लिए जंग में भेजुंगा, लेकिन पाकिस्तान को इस हमले के लिए करार जवाब देना चाहिए. बता दें कि पुलवामा में शहीद सीआरपीएफ के जवानों के लिए देशभर में जगह-जगह पर कैंडल मार्च निकाला जा रहा है. इसके साथ ही लोग पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
Source : Sunil Chaurasia