बिहार में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए सरकार कितनी भी कोशिश क्यों ना कर लें, लेकिन बिचौलियों की मनमानी इन कोशिशों पर पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ती. कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है पूर्णिया में. जहां प्रशासन के लाख दावों के बावजूद आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण अधर में लटका है. आलम ये है कि आधे-अधूरे भवन अब धूल फांक रहे हैं. पूर्णिया के प्रखंड में 50 से ज्यादा आंगनबाड़ी भवन आधे-अधूरे पड़े हैं. जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. प्रशासन की उदासीनता की वजह से नौनिहालों का भविष्य दांव पर लगा है. आधे अधूरे भवन की वजह से कहीं किराए पर आंगनबाड़ी केंद्र चलाए जा रहे हैं तो कहीं खुले आसमान के नीचे बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.
सरकारी पैसों की हो रही बंदरबांट
बीते 5 सालों से इन भवनों का निर्माण अधर में है. वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि बिना भवन का निर्माण किए ही सरकारी पैसों का बंदरबांट कर लिया गया है. वहीं, सूत्रों की मानें तो आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य में एजेंटों ने जमकर धांधली की है और भवन निर्माण आधा-अधूरा छोड़कर पूरी राशि की निकासी कर ली गई है. वहीं, मामले को लेकर जब धमदाहा के बीडीओ प्रकाश कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मामले की जांच की जा रही है. निर्माण कार्य में पंचायत सचिव ही एजेंट थे, लेकिन यहां से उन सबका तबादला हो गया है. ऐसे में योजना में शामिल तमाम एजेंट्स को नोटिस जारी कर दिया गया है और जरूरी कार्रवाई की जा रही है. अधिकारी ने आश्वासन तो दे दिया. अब देखना ये होगा कि सरकारी पैसों पर चपत लगाने वालों पर कार्रवाई होती भी है या सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति ही की जाएगी.
रिपोर्ट : सुशांत कुमार
HIGHLIGHTS
- अधर में लटका आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण
- अटके पड़े हैं काम
- सरकारी पैसों की हो रही बंदरबांट
Source : News State Bihar Jharkhand