झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) ने लालू प्रसाद यादव के रिम्स डायरेक्टर के बंगले में रहने पर सवाल उठाए हैं. शुक्रवार को राज्य सरकार से पूछा कि आखिर किसके आदेश पर चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) के निदेशक के, ‘केली’ बंगले में स्थानांतरित किया गया था. साथ ही उन्हें हाल में बंगले से 'पेइंग वार्ड' में स्थानांतरित कर दिया गया? लालू यादव द्वारा रिम्स में इलाज के लिए मिली सुविधाओं के कथित दुरुपयोग से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान सवाल उठाए गए.
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सेवाकार की किसने की नियुक्ति
हाईकोर्ट इस मामले को लेकर खासा नाराज नजर आया. उच्च न्यायालय ने पूछा कि आखिर अस्पताल में लालू के सेवादार की नियुक्ति किस आधार पर हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा अस्पताल में किसे सेवादार बनाया जा सकता है? उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि कैदी से अनावश्यक लोग मिलते हैं तो इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार होगा? उच्च न्यायालय के सवालों पर अपर महाधिवक्ता ने एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिस पर इस मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय ने 18 दिसंबर के लिए निर्धारित की.
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गौरतलब है कि 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से संबंधित चार विभिन्न मामलों में 14 वर्ष तक कैद की सजा पाने के बाद न्यायिक हिरासत में रिम्स में इलाजरत लालू यादव की जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय में बहस के दौरान 27 नवंबर को सीबीआई ने यह मामला उठाया था. अदालत को बताया था कि लालू रिम्स में मिली इलाज की सुविधा का दुरुपयोग कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau