बिहार की सियासत में इन दिनों अजीबो गरीब वाकये सामने आ रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक एक चूहे को पिंजरे में कैद करके विधानसभा पहुंचे. वो चूहे को सजा देने की मांग करने लगे. विधायक के साथ राबड़ी देवी भी थीं. राबड़ी देवी ने नीतीश सरकार पर जमकर वार किया. उन्होंने विधान परिषद में मिलने वाले खाने पर सवाल उठाए.
राबड़ी देवी (Rabari devi) ने कहा, 'जूठी प्लेट में खिलाया जा रहा है. ज़मीन पर आटा साना जा रहा है. राज्य सरकार केवल लूट मार्च कर रही है. ये सब देखना सरकार और श्रम मंत्री की ज़िम्मेदारी है. 56-56 घोटाले हो रहे हैं विकास नहीं हो रहा है.'
इससे पहले विधानसभा में विधायक के साथ पहुंची राबड़ी देवी ने कहा, 'यह सरकार (नीतीश सरकार) कहती है कि अहम फाइलें, दवाइयां, शराब गायब होने के पीछे चूहे हैं, तो आज हम उस चूहे को सजा देने के लिए विधानसभा में पकड़ लाए हैं.'
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बिहार के अंदर चूहे का बोलबाला है
दरअसल, बिहार के अंदर चूहे का बोलबाला है. कभी चूहे बांध तोड़ देते हैं, कभी थानों में रखी शराब पी जाते हैं तो कभी स्कूलों से शिक्षकों की नौकरी की फाइलों को खा जाते हैं. अक्सर बिहार के मंत्री और प्रशासन इस तरह की घटनाओं को लिए चूहे को ही जिम्मेदार ठहराया आया है. कुछ महीनों पहले बिहार में पंचायतों के स्कूलों से शिक्षकों की नौकरी की फाइलें गायब हुई थीं. इसके लिए नियोजन इकाइयों ने चूहों पर ही आरोप मढ़ दिए थे और कहा था कि फाइलों को चूहे खा गए हैं.
इससे पहले एक बांध टूटा था तो बिहार के जल संसाधन विभाग के मंत्री रहे ललन सिंह ने चूहों को ही जिम्मेदार ठहराया था. इतना ही नहीं, पुलिस थानों के अंदर शराब पीने के आरोप से बचने के किए थानेदारों ने चूहों के शराबी होने की बात तक कही थी.